नेहरू जयन्ती (बाल-दिवस) – Nehru Jayanti (Bal Divas)
जवाहरलाल नेहरू बच्चों को बहुत प्यार करते थे, तो संसार भर के बच्चे भी नेहरू को बहुत प्यार करते थे। बच्चे उन्हें प्यार से ‘चाचा’ कहते थे। बच्चों के प्रिय चाचा नेहरू का जन्म 14 नवम्बर, 1889 को प्रयाग के मीरगंज मोहल्ले में हुआ था।
जवाहर के दादा पंडित गंगाधर 1857 में हुए स्वतंत्रता संग्राम से पूर्व दिल्ली के कोतवाल थे। नेहरू परिवार कश्मीरी ब्राह्मण परिवार है। दिल्ली में यह परिवार ‘नहर सदाअत खान’ के किनारे रहने लगा था, इसीलिए इनके नाम के आगे नेहरू लगा ।
जवाहर के पिता का नाम पं. मोतीलाल था और माता का नाम स्वरूप रानी। मोतीलाल इलाहाबाद के प्रसिद्ध वकील थे। काफी समृद्ध और रईस थे। इसीलिए जवाहर का लालन-पालन भी बहुत शान-शौकत के साथ हुआ।
जवाहर बचपन से ही शांत और गंभीर प्रकृति के थे । छः से बारह वर्ष की आयु तक इनकी पढ़ाई घर पर ही हुई थी। सन् 1904 में जवाहर इंग्लैंड के प्रसिद्ध हैरो विद्यालय में पढ़ने चले गए। इसके बाद प्रसिद्ध कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के ट्रिनिटी कॉलेज से जूलॉजी, कैमिस्ट्री व बॉटनी में बी.ए. किया। जवाहर इतने प्रतिभाशाली थे कि इनकी असाधारण योग्यता को देख बिना परीक्षा लिए इन्हें एम. ए. आर्ट्स का प्रमाणपत्र दे दिया गया। सन् 1912 में इनर टेम्पल से बैरिस्ट्री पास कर जवाहर स्वदेश लौट आए।
सन् 1912 में ही जवाहर पहली बार बाँकीपुर में कांग्रेस अधिवेशन में शामिल हुए। सन् 1913 में हुए जलियाँवाला हत्याकांड ने जवाहर के किशोर मन को झकझोर दिया था। सन् 1916 में जवाहर का विवाह दिल्ली के सीताराम बाजार में रहने वाली कमला से हुआ। विवाह के एक वर्ष बाद ही सन् 1917 154 / भारतीय जयन्तियाँ एवं दिवस में इंदिरा (प्रियदर्शिनी) का जन्म हुआ।
सन् 1947 के 15 अगस्त को देश को आजादी मिली। जवाहर स्वतंत्र भारत की पहली सरकार में देश के प्रथम प्रधानमंत्री बने। तब से लेकर मृत्यु के दिन 27 मई, 1964 तक वे देश के प्रधानमंत्री रहे। नेहरू को इस देश का आधुनिक शिल्पी कहा जाता है। प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए उन्होंने भारत के चहुँमुखी विकास के द्वार खोले । आर्थिक विकास, विज्ञान, धर्म-निरपेक्षता, और गुट-निरपेक्षता की दृष्टि से अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। देश के विकास के लिए पंचवर्षीय योजनाएँ शुरू कीं। नेहरू बहुत कुशल राजनीतिज्ञ और बुद्धिमान थे। उन्हें अपने देश से बहुत प्यार था। वे कहते थे कि हिन्दुस्तान मेरे खून में समाया हुआ है।
नेहरू के कार्यकाल में ही 1947 में पाकिस्तान के व 1962 में चीन के भारत पर आक्रमण का सामना करना पड़ा था। नेहरू ने बड़े साहस के साथ इन युद्धों का सामना किया। इनके प्रधानमंत्री काल में ही देश में सफलतापूर्वक तीन चुनाव हुए। मई 1952, मई 1957 व अप्रैल 1962 में। इसी प्रकार तीन पंचवर्षीय योजनाएँ पूरी हुईं। पहली पंचवर्षीय योजना सन् 1951 से 1956 तक चली। इन पंचवर्षीय योजनाओं से देश में सिंचाई, कृषि व बिजली का उत्पादन व विकास हुआ। नेहरू कुशल राजनीतिज्ञ तो थे ही वे एक उच्चकोटि के लेखक भी थे। उनकी पुस्तक ‘डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ विश्व भर में प्रसिद्ध हुई। इसके अलावा ‘भारत एक खोज’, ‘मेरी कहानी’ (आत्मकथा) भी काफी प्रसिद्ध हुईं। नेहरू ने विश्व शांति के लिए बहुत प्रयास किए। इसी कारण उन्हें ‘शांति दूत’ कहा गया था। आजादी की लड़ाई के दौरान नेहरू कई बार जेल गए। कई तरह की यातनाएँ सहीं ।
नेहरू को बच्चे बहुत प्यारे थे। क्योंकि बच्चों में न छल-कपट होता है न दुश्मनी। बच्चे मन के सच्चे होते हैं। वे प्रधानमंत्री बन गए तब तो उन्हें बच्चों के ज्यादा करीब जाने का अवसर मिलता था। मजदूरों के बच्चों को भी गोद में उठा लेते थे। नंग-धड़ंग, मैले कपड़े पहने बच्चों से भी उन्होंने कभी घृणा नहीं की। बच्चों में वे देश का भविष्य देखते थे।
देश-विदेश में जितने लोकप्रिय नेता नेहरू थे उतना कोई दूसरा नहीं हुआ। वे साहसी थे, दृढ़ थे। तो दूसरी तरफ मक्खन की तरह कोमल भी थे। नेहरूजी सही माने में जनता के नेता थे। वे सुरक्षा घेरा तोड़कर जनता के बीच चले जाने में जरा भी नहीं डरते थे। उनसे जो भी कोई मिलना चाहता था वे समय देते थे और उसकी बात ध्यान से सुनते थे। बच्चों के अपने शुभचिंतक और प्रिय नेता का जन्मदिन बाल-दिवस न केवल धूम-धाम से मनाया जाए बल्कि कोशिश यह की जानी चाहिए कि बच्चे नेहरू के गुणों से प्रेरणा लें।
कैसे मनाएँ नेहरू जयन्ती/बाल-दिवस (How to celebrate Nehru Jayanti/Children’s Day)
- नेहरू का चित्र लगाएँ ।
- माल्यार्पण कर दीप जलाएँ।
- नेहरूजी के जीवन की घटनाएँ बच्चों को सुनाएँ। बच्चों के प्रति उनके प्यार से जुड़े प्रसंग सुनाएँ ।
- नेहरू के बचपन के संस्मरणों को मंच पर प्रस्तुत करें।
- इनके वचन और संस्मरणों के लेखन की प्रतियोगिता करें।
- बाल-दिवस है अतः बच्चों के खेल-कूद, चित्रकला, नेहरू पर कविता आदि की प्रतियोगिता करें। बच्चे नेहरू के वेश में स्कूल आएँ । श्रेष्ठ वेश को पुरस्कृत करें।
- नेहरू की देशभक्ति, उनकी दयालुता और गरीबों के व बच्चों के प्रति प्रेम जैसे उनके गुणों को बच्चों को बताएँ ।
- नेहरू की लिखी पुस्तकों के बारे में बच्चों को जानकारी दें। उनकी पुस्तक ‘पिता के पत्र पुत्री के नाम’ के अंश बच्चों को सुनाए जाएँ।
- बच्चे एक साथ “हम होंगे कामयाब एक दिन” गीत गाएँ।