स्कूटर
Scooter

History of Scooter in Hindi
(हर आदमी की पहली पसन्द)
सन् 1911 में स्कॉटलैंड में महिलाओं की मोटरसाइकिल के रूप में स्कूटर का विकास किया गया। पर शीघ्र ही पहला विश्वयुद्ध प्रारम्भ हो गया और संसार मंदी व अन्य समस्याओं की चपेट में आ गया। प्रथम विश्वयुद्ध के पश्चात् इटली के दो डिजाइनरों-ट्रोसी तथा पिनिन फारिना ने वेस्पा तैयार किया। यह स्कूटर आकार में छोटा था, इसके पहिए भी छोटे थे, पर गति मोटरसाइकिल की अपेक्षा कम, पर पर्याप्त थी। इसमें पैर आसानी से रखे जा सकते थे और यह ज्यादा सुरक्षित भी था।
जब मोटरसाइकिल का आविष्कार हो गया तो महिलाओं में इच्छा जागी कि उन्हें भी ऐसा वाहन मिले जो चलाने में हल्का हो, आसानी से स्टार्ट हो और सुरक्षित भी।
हालांकि स्कूटर का विकास मोटरसाइकिल से काफी बाद में हुआ, पर 50-60 के दशकों में यह ज्यादा लोकप्रिय हो गया, क्योंकि मोटरसाइकिल की अपेक्षा यह ज्यादा सुरक्षित था और शहरों के लिए अनुकूल भी। इसमें स्टेपनी पहिए की भी व्यवस्था थी।
स्कटर हालांकि महिलाओं के लिए तैयार किया गया था, पर पुरुषों ने भी इसे खूब इस्तेमाल किया। हालांकि जापानी निर्माताओं ने एक के बाद एक यामहा, सुजुकी, होंडा, कावासाकी आदि मोटरसाइकिलों के मॉडल बाजार में उतारे, जो खासे आकर्षक थे, पर स्कूटर ही आम आदमी की पसन्द बना रहा।