आप अपने स्कूल के बच्चों के साथ पन्द्रह दिनों के लिए समाज सेवा के निमित बाढ़ पीड़ित क्षेत्र में जाना चाहते हैं। पत्र लिखकर पिताजी से अनुमति मांगिए।
परीक्षा भवन,
आदरणीय पिताजी,
सादर प्रणाम।
कल ही आपका पत्र मिला। आपकी कुशलता का पता चला। पिताजी आप आजकल समाचार-पत्रों में पढ़ ही रहे होंगे कि सारे उत्तर भारत में बाढ़ का विनाशकारी रुप देखने को मिल रहा है। ईश्वर की इस विनाशलीला में कई नगर व गांव बह गए हैं। कई पशु व मानव इस तेज बहाव में बह गए हैं। किसानों को फसल नष्ट हो गई है। लोगों के मकान तबाह हो गए हैं। लाखों लोग बाढ़ की चपेट में आकर बेघर हो गए हैं। रोजी-रोटी का साधन भी छिन गया है। लोगों के द:ख का अन्त नहीं। बच्चे भूख से बिलख रहे हैं।
इन बाढ़ पीडितों की सहायता हेत सरकार अपना कर्त्तव्य निभा रही है। बाढ़ पीड़ित की सहायतार्थ कई संस्थाएँ दिन-रात एक कर रही हैं। दानी सेठ भी बहुत पैसा खर्च कर रहे हैं। समाज सेवी संस्थाएं बाढ़ पीड़ितों की हर संभव सहायता कर रही हैं। हमारे विद्यलया से भी एक सेवा दल पन्द्रह दिनों के लिए बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में सेवाथ जाने वाला है। मेरी हार्दिक इच्छा है कि मैं भी सेवा दल में सम्मिलित होकर उन लोगों की सेवा करूं। मुझ रह-रहकर बाढ़ से पीड़ित लोगों पर तरस आता है। पिताजी आप तो स्वयं दयालु व करुणा की खान है। आशा है आप मुझे इस सेवा कार्य में भाग लेने की अनुमति प्रदान करेंगे। में पत्र की शीघ्रता से प्रतीक्षा करूंगा।
पूज्य माताजी को चरण-वन्दना । दीदी को प्रणाम ।
आपका पुत्र,
क, ख, ग,
दिनांक : 3 मार्च, 1999