Hindi Essay, Paragraph on “Mera Pyara Gaon ”, “मेरा प्यारा गाँव”, Hindi Anuched, Nibandh for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students, Board Examinations.

मेरा प्यारा गाँव

Mera Pyara Gaon 

जब मेरे प्रिय मित्र ने मुझे बताया कि वह एक सप्ताह की छुट्टी लेकर अपने गाँव जा रहा है तो मुझे भी अपना गाँव याद हो आया। वह गाँव जिसमें रोज सूरज बूढ़े पीपल के पीछे से मुस्कुराता हुआ उदय होता है। उसकी चंचल सुनहरी किरणें उस बड़े से तालाब की लहरों पर झिलमिला उठती हैं। मेरे गाँव के पूर्वी छोर पर एक प्राचीन शिवालय है। मेरे गाँव के बीच में जहाँ-तहाँ छोटे-बड़े नीम के वृक्ष खड़े हैं तथा पश्चिमी कोने में एक बरगद का पेड़ है। जब मैं अपने गाँव जाता हूँ तो मुझे देखते ही सबकी आँखें चमक उठती हैं और बड़ी आत्मीयता के साथ सभी मुझसे मिलते हैं।

मेरा गाँव छोटा-सा, प्यारा-सा है। गाँव में घुसते ही मिलती है-मेरी मौसी! वह मुझसे हमेशा यही कहती है-“बेटा, बड़े दिनों के बाद आए हो।” उसकी इस बात का मेरे पास कोई जवाब नहीं होता। मैं उनके चरण छूकर बस इतना ही कहता हूँ-“मौसी, तुम कैसी हो?”

मेरे गाँव के कच्चे पक्के घर, टूटी-फूटी गाँव की गलियाँ, बैठक चौपाले मुझे सब मेरा स्वागत करती नज़र आती हैं। कहीं-कहीं बिल से चलने वाले नलकूप और खेत क्यारियों को रौंदते-चिंघाडते ट्रैक्टर दिखाई देते हैं।

जब भी मैं अपने गाँव जाता हूँ, गाँव के लोग मिलते ही कर हैं “भैया राम-राम, बाबूजी! जै राम जी की।” अभी बहुएँ मुझे राह में देखते ही सिर पर चूँघट कर लेती हैं तथा बड़े-बूढ़े आशीर्वाद देने लगते हैं। बैठकों और चौपालों पर हुक्के गुड़गुड़ाए जाते हैं और तमाम जहान की सैकड़ों चर्चाएँ रस ले-लेकर सुनाई जाती हैं। आज भी उन कच्चे-पक्के घरों के लंबे-चौड़े आँगन गोबर से लिपे-पुते होते हैं।

आज सब कुछ गाँव में पहले जैसा नहीं है। अब गाँव में एक माध्यमिक विद्यालय खुल गया है। डाकखाना है। गलियों में खडंजे बिछ गए हैं। गाँव में बिजली आ गई है। अब खेतों से नलकूपों से सिंचाई हो रही है। फसलें, बीज, खाद और कृषि यंत्रों में गुणात्मक सुधार हुआ है।

मैं आज भी अपने गाँव की मिट्टी की सुगंध के अहसास से पुलकित हो उठता हूँ। अपने अशिक्षित आत्मीयजनों के सुख-दुख में शामिल होकर मुझे बहुत सुख मिलता है। स्वाधीनता के इतने वर्ष बीत जाने पर भी इस खंदौली गाँव में बच्चों में शिक्षा का अपेक्षित प्रकाश नहीं हो पाया है। निर्धनता और पिछड़ापन इसे घुन की तरह खाए जा रहा है। मैं हमेशा मेरे प्यारे गाँव की खुशहाली के बारे में सोचता हूँ जो मेरे लिए स्वर्ग से भी बढ़कर है-मेरा प्यारा गाँव।

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