राष्ट्रभाषा : हिंदी भाषा
Rashtrabhasha – Hindi Bhasha
अपने विचारों के आदान-प्रदान का सर्वोत्तम साधन है। हर राष्ट्र की अपनी विशेष परंपराएँ, साहित्य, ज्ञान-भंडार व भाषा आदि होते हैं। भारत की राष्ट्रभाषा हिंदी है। यह देवनागरी लिपि में लिखी जाती है।
राष्ट्रभाषा किसी भी देश के अधिकांश क्षेत्रों में बोली व समझी जाती है। शब्दों के फेर-बदल से कुछ क्षेत्रों में इसकी उपभाषाएँ बन जाती हैं। राष्ट्रभाषा में सभी सरकारी व औपचारिक काम किए जाते हैं।
14 सितंबर 1949 को भारत जैसे भिन्न क्षेत्रों वाले देश को एक भाषा के माध्यम से बाँधा गया था। हिंदी के अलावा संस्कृत, तमिल, तेलुगु, पंजाबी इत्यादि को भी पहचाना गया है।
हिंदी भाषा में साहित्य का बहुत विकास हुआ है। चिरकाल से ज्ञानी कथाओं व कविताओं का विस्तार हिंदी भाषा द्वारा ही करते आए हैं। आर्यभट्ट जैसे विद्वानों ने अपनी खोजों का वर्णन इसी माध्यम से किया है।
कुछ लोग हिंदी भाषा को अति सरल मानते हैं। उनका यह भी विचार है कि विश्व में खड़े होने के लिए हर भारतीय को अंग्रेजी का अनुभव अधिक आवश्यक है। परंतु किसी भी राष्ट्र की संस्कृति की पहचान अपनी भाषा से होती है। हमें भी प्रतिदिन व्यवहार में हिंदी का प्रयोग करने में उतना ही गर्व प्रतीत होना चाहिए जितना अंग्रेजी या अन्य किसी भाषा का।