मेरा प्रिय पड़ोसी
Mera Priya Padosi
डाक्टर रंजन हमारे निकटतम पड़ोसी हैं। वे कई वर्षों से हमारे घर के बगल में रह रहे हैं। उनके साथ उनकी पत्नी और मेरी ही आयु का एक पुत्र रहता है। उनकी पत्नी भी एक चिकित्सिका हैं।
डाक्टर रंजन व्यस्त रहते हैं परंतु उनकी पत्नी हमारे यहाँ आती-जाती हैं। उनका पुत्र विभोर मेरे साथ हर शाम खेलता है। हम आपस में अपने विद्यालय और मित्रों की भी बहुत बातें करते हैं।
एक बार मेरे छोटे भाई को वर्षा में भीगने से तेज़ बुखार आ गया था। उस समय आधी रात थी और वर्षा की ऐसी फुहार लगी थी कि बाहर जाना असंभव था। पिताजी ने असहाय होकर डाक्टर रंजन का दरवाजा
खटखटाया। डाक्टर रंजन ने न सिर्फ दवा की व्यवस्था की बल्कि पूरी रात वे मेरे छोटे भाई के सिरहाने बैठे रहे। सुबह होते ही वे अपने काम पर चले गए और उनकी पत्नी मेरी माँ के संग बैठी रहीं। उन्होंने ही मुझे विद्यालय के लिए तैयार किया।
अच्छे पड़ोसी होने से हमारी विकट घड़ी पल में ही गुजर गई। ऐसे में हमारा आत्मविश्वास भी बढ़ गया कि किसी समस्या के आने पर हमारे पास मजबूत सहारा है।