गौतम बुद्ध
Gautam Budha
‘बुद्ध’ अर्थात ‘प्रज्वलित मस्तिष्कवाला’। विश्व के बड़े प्रेरणा स्त्रोतों और शिक्षकों में से एक हैं ‘गौतम बुद्ध’।
नेपाल में जन्में बुद्ध का नाम ‘सिद्धार्थ’ रखा गया था। उनकी संसार त्यागने की भविष्यवाणी ज्योतिषियों द्वारा उनके जन्म पर ही कर दी गई थी। इसी डर से उनके पिता ने उन्हें सदा महल के सुख साधनों के बीच ही
रखा था। एक समझदार युवक होने पर उन्होंने महल से बाहर भ्रमण की इच्छा व्यक्त की। मार्ग में उन्होंने एक मृत शरीर, एक बूढ़े व्यक्ति और एक रोगी को देखा। पीड़ा से बेखबर सिद्धार्थ जीवन के सत्य को देख उदास हो गए। उनकी उदासी देख उनके पिता ने उनका विवाह यशोधरा से करवाया जिनसे उन्हें एक पुत्र भी हुआ, राहुल।
29 वर्ष की आयु में सिद्धार्थ साधु वेश धर तपस्या में लीन हो गए। अगले 45 वर्षों तक उन्होंने अपना संदेश फैलाते हुए लोगों से लालच त्यागने का अनुरोध किया। उनके शिष्यों की गिनती लगातार बढ़ती गई और उनके सिद्धांतों पर बौद्ध धर्म की स्थापना की गई।
80 वर्ष की आयु में विश्व को दिव्य रोशनी प्रदान करके वे उसी दिव्यता में लीन हो गए।