गणेश चतुर्थी
Ganesh Chaturthi
गणेश जी संपन्नता और विवेक के देवता हैं। इनका जन्मदिन गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार अगस्त-सितंबर में आता है।
गणेश जी गज के मुखवाले देवता हैं। इन्हें पार्वती जी ने अपने तेज से उत्पन्न किया था और उन्हें द्वार पर नियुक्त कर स्नान करने चली गई। तभी शिव जी वहाँ आए और जब गणेश जी ने उन्हें अंदर नहीं जाने दिया तब शिवजी ने उनका मस्तक धड़ से अलग कर दिया। पार्वती जी द्वारा पूरी कथा जानने पर उन्होंने अपने गणों से सबसे पहले मिलने वाले जीव का मस्तक लाने को कहा। वे गज का सिर लेकर लौटे। गणेश जी को पुनर्जीवन देने के बाद शिव जी ने उन्हें आशीर्वाद दिया कि उनके पूजन बिना हिंदू धर्म का कोई कार्य आरंभ नहीं होगा।
गणेश चतुर्थी के अवसर पर सभी जगह पंडाल लगाए जाते हैं और पूजन सहित गणेश जी की मूर्ति की स्थापना की जाती है। सुबह और शाम आरती-पूजन और प्रसाद वितरण किया जाता है।
इस त्योहार की सर्वाधिक धूम महाराष्ट्र में देखने को मिलती है। वहीं पर प्रसिद्ध सिद्धीविनायक का मंदिर भी है।
गणेश चतुर्थी के दिन स्थापित मूर्तियों का विसर्जन किया जाता है। मंदिरों में गणपति के प्रिय मोदक का भोग लगाया जाता है और उसी का प्रसाद बाँटा जाता है।