गीता जयन्ती
Geeta Jayanti
आज के ही दिन युद्ध के लिए कुरुक्षेत्र में खड़े अर्जुन को कृष्ण ने उपदेश दिया था। अर्जुन मोह में पड़कर अपने कर्तव्य से पीछे हट रहे थे। तब कृष्ण ने उन्हें उनका कर्तव्य स्मरण कराया। कृष्ण ने यह ज्ञान, यह उपदेश, यह नीतिगत बातें तब चाहे केवल अर्जुन को कही थीं पर वास्तविकता यह है कि यह कर्तव्य बोध कराने वाला ज्ञान पूरे संसार के लिए है।
गीता के रूप में कृष्ण ने ज्ञान का पूरा सागर दिया है। यह छोटा-सा ग्रंथ वास्तव में गागर में सागर है। पूरे संसार में, सभी धर्मों में गीता के महत्व को स्वीकार किया गया है। गीता का अनुवाद संसार की कई भाषाओं में हो चुका है। क्योंकि गीता धर्म, नैतिकता, नीति, ज्ञान और मोह से वैराग्य का संदेश देने वाला महान ग्रंथ है।
गीता का अध्ययन मनुष्य को असीम प्रेरणा देता है। साधारण सांसारिक दुखों से विचलित नहीं होने का संदेश देती है। जय और पराजय, सफलता और असफलता की भावना मन में लाए बिना मनुष्य अपना कर्तव्य करता रहे, यही सफलता और विजयी होने का मंत्र है। कृष्ण मानते हैं कि सफलता मानव के अपने हाथ में है। जीवन की निराशा और हताशा से मुक्त होकर मानव को अपने कर्तव्य-पथ पर निरंतर अग्रसर होते रहने का संदेश देती है गीता।
गीता में कर्म को महत्वपूर्ण बताया है। कर्म करते रहने से मन को प्रसन्नता की अनुभूति होती है। यही प्रसन्नता मानव के दुख और पीड़ा को कम करती है।
कृष्ण मनुष्य को एक आदर्श जीवन जीने की प्रेरणा देते हैं। जीवन में स्वार्थ, ईर्ष्या और लालच का त्याग किया जाए। जीवन में सदाचार, सद्व्यवहार और धर्म की पालना का महत्व होता है। ईश्वर के प्रति श्रद्धा और विश्वास मानव के जीवन में शक्तिदाता हैं।
गीता धर्म, ज्ञान, कर्तव्य, नैतिकता, नीति और कर्म की प्रेरणा देने वाला अलौकिक ग्रंथ है। गीता जयन्ती मनाकर मानव इसकी शिक्षा और उपदेश व ज्ञान को आत्मसात कर जीवन को सफल व सार्थक बनाने की प्रेरणा और मार्ग-दर्शन प्राप्त कर सकता है।
कैसे मनाएँ गीता जयन्ती
How to celebrate Geeta Jayanti
- आयोजन स्थल को सजाएँ।
- कृष्ण-अर्जुन का चित्र लगाएँ। माल्यार्पण कर दीप जलाएँ ।
- गीता हिन्दू धर्म का अत्यन्त महत्वपूर्ण ग्रंथ है। इसके बारे में बच्चों को बताया जाना चाहिए कि गीता में क्या है। कृष्ण ने अर्जुन को उपदेश कब, कहाँ, किन परिस्थितियों में और क्यों दिया था? गीता का मुख्य उद्देश्य क्या है?
- बच्चों को महाभारत के बारे में भी जानकारी दी जा सकती है।
- गीता के वचनों की लेखन प्रतियोगिता करें।
- गीता के ऐसे वचन जिन्हें बच्चे समझ सकें-बच्चों से पोस्टरों पर लिखवाएँ ।
- महाभारत का युद्ध क्यों हुआ, इस बारे में भी बच्चों को जानकारी दी जाए।
- गीता का सस्वर पाठ करवाया जा सकता है।