छोटी बहन कोअच्छे गुणों को अपनाने की सलाह देते हुए पत्र
399, सूबे की गोठ, ग्वालियर
दिनांक 1-3-08
प्रिय रचना,
शुभाशीष।
तुम्हारा पत्र प्राप्त हुआ। समाचार ज्ञात हुए। मैंने स्वतंत्र भारत के पहले गहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटैल पर एक पुस्तक पढ़ी है। सरदार पटैल दृढ़ता के लिये प्रसिद्ध थे।
स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद अनेक देशी रियासतों के राजाओं ने अपनी रियासतों को भारतीय गणतंत्र में मिलाने में कठिनाई उत्पन्न की थी, परंतु तत्कालीन गृहमंत्री सरदार पटेल के दृढ़ निश्चय और व्यक्तित्व के सामने उन्हें झुकना पड़ा और वे भारतीय संघ में मिलने को मजबूर हुए।
राष्ट्र-प्रेम, समर्पण, त्याग, सच्चाई, सद्भाव और सहयोग जैसे श्रेष्ठ गुणों के वे धनी थे। अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति के कारण ही वे ‘लौह-पुरुष’ के नाम से प्रसिद्ध हुए।
प्रिय बहन, हमें उनकी इन चारित्रिक विशेषताओं को अपने जीवन में अपनान। चाहिये। आशा है, तुम मेरी बातों पर अवश्य ध्यान दोगी।
शेष कुशल मंगल है। माताजी और पिताजी को सादर प्रणाम।
तुम्हारी अग्रजा
स्मिता