सफ़ाई का महत्त्व
Importance of Cleanliness
साफ-सुथरा रहना एक अच्छी आदत है । सफ़ाई तन और मन को प्रसन्न कर देती है । इससे बीमारियों के आने का खतरा कम हो जाता है । सफाई और गंदगी में वही अंतर है जो स्वर्ग और नरक में होता है । साफ-सुथरे स्थानों में रहना एक तरह से स्वर्ग में रहने जैसा है। हिन्दुओं की मान्यता है कि साफ़-सुथरे स्थानों में धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मीजी का वास होता है।
सफ़ाई हमारे स्वास्थ्य का आधार है । जहाँ सफाई होती है वहाँ हानिकारक कीटाणुओं के पनपने की संभावना कम हो जाती है । मच्छरमक्खी सफ़ाई से दूर भागते हैं । साफ़-सुथरे स्थानों में दुर्गंध नहीं होती । वातावरण खुशनुमा हो उठता है । इन सबका प्रभाव हमारी सेहत पर पड़ता है। संक्रामक रोगों के फैलने का खतरा कम हो जाता है । लोग भले-चंगे नजर आते हैं । स्थान विशेष का आकर्षण बढ़ जाता है।
सफाई का महत्त्व सभी व्यक्तियों के लिए है। इसे देखते हए प्राथमिक कक्षा के पाठ्यक्रमों में साफ-सफाई के पाठ शामिल किए जाते हैं। बच्चों में साफ़-सुथरा रहने की आदतें डाली जाती हैं । सरकार अखबार, रेडियो और टेलीविजन पर विज्ञापन तथा संदेश प्रसारित कर लोगों को इसके बारे में जागरूक बनाती है । इस कार्य में करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं । इसके अतिरिक्त शहरों में नगर पालिका तथा गाँवों में ग्राम पंचायत सफाई के लिए जिम्मेदार होती है । सड़कों, गलियों तथा सार्वजनिक स्थानों की नियमित सफ़ाई की जाती है। गंदी नालियों का कीचड़ निकाल कर उन्हें साफ़ रखा जाता है। नालियों तथा पानी के गड्ढों में कीटनाशकों का छिडकाव किया जाता है।
सफ़ाई का अर्थ केवल झाड़ लगाना नहीं है । इसका अर्थ है – जल, वायु, वस्त्र, भोजन, निवास स्थान तथा अन्य सभी चीज़ों को साफ़-सुथरा रखना । जल और वायु का संबंध हमारे दैनिक जीवन से है । इनका प्रदूषित होना हमारी सेहत पर बहुत बुरा असर डालता है । अधिकांश बीमारियाँ इन दो जरूरी चीज़ों के प्रदूषण से फैलती है । इनके अतिरिक्त दैनिक उपयोग के वस्त्रों का साफ-सथरा होना बहुत आवश्यक है। गंदे वस्त्रों में हानिकारक कीटाणुओं का जमावड़ा होने लगता है । ये वस्त्र दूर से ही दुर्गंध देते हैं । भोजन भी हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा है । इसलिए भोजन पकाते समय सफ़ाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए । भोजन ढक कर रखना चाहिए । हमेशा ताजा भोजन खाना चाहिए । बाजारू भोजन का प्रयोग कम से कम करना चाहिए । बाजारू भोजन में मक्खियाँ बैठती हैं जो भोजन को गंदा कर देती हैं।
सबसे बड़ी बात यह है कि सफ़ाई पसंद व्यक्तियों की तारीफ हर जगह होती है । उसका काम हर कोई पसंद करता है । हर काम सफ़ाई से करने में बहुत मजा आता है । यह एक कला है । गाँधी जी सफ़ाई को बहुत महत्त्व देते थे । वे बरतन, वस्त्र आदि की सफ़ाई का पूरा ध्यान रखते थे । वे सफ़ाई को व्यक्ति के अच्छे चरित्र की पहचान बताते थे।
इस प्रकार सफ़ाई का महत्त्व इतना अधिक है कि उसका वर्णन कम शब्दों में संभव नहीं है । प्रत्येक व्यक्ति को साफ़-सुथरा रहने की आदत बना लेनी चाहिए । उसे केवल अपना घर ही नहीं, पास-पड़ोस भी साफ़ रखना चाहिए । सार्वजनिक स्थानों की सफ़ाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए । शरीर की सफाई भी बहुत महत्त्वपूर्ण है । प्रतिदिन स्नान करना चाहिए तथा हमेशा साफ़-सुथरे वस्त्र पहनने चाहिए । कहा भी गया है – सफ़ाई और । स्वास्थ्य में गहरा संबंध है।