रेलगाड़ी
The Train
रेलगाड़ी आम लोगों की एक प्रिय सवारी है । यह लोहे की पटरियों पर चलती है । इस पर प्रतिदिन लाखों यात्री सफर करते हैं । लंबी दूरी की यात्रा के लिए यह सस्ती और सुविधाजनक सवारी होती है। रेलगाड़ी में सामान भी ढोया जाता है । सामान ढोने वाली गाड़ी को मालगाड़ी कहते हैं । यातायात व्यवस्था में रेलगाड़ियों का बहुत महत्त्व है।
रेलगाड़ी से यात्रा बहुत आरामदायक होती है । यह विभिन्न स्टेशनों से होकर जाती है । यात्री स्टेशन पर खड़े होकर गाड़ी के आने की प्रतीक्षा करते हैं । स्टेशन पर कई प्लेटफार्म बने होते हैं । प्लेटफार्म पर हर समय भीड़ लगी रहता है । यहाँ पर चाय-पानी और नाश्ते के लिए दुकानें होती हैं । यहाँ यात्रियों को समय-समय पर रेलगाड़ियों के आने-जाने की जानकारी मिलती रहती है । प्लेटफॉर्म पर लकड़ी या लोहे के बेंच लगे होते हैं । यहाँ बैठकर यात्री गाड़ी के आने की प्रतीक्षा करते हैं।
रेलगाड़ी में एक शक्तिशाली इंजन तथा अनेक डब्बे होते हैं । इंजन बिजली या डीजल से चलता है । इंजन डब्बों को खींचता हुआ आगे बढ़ता है। डब्बों में यात्रियों के लिए बैठने और आराम करने की व्यवस्था होती है। लंबी दूरी की यात्रा के लिए लोग पहले से ही सीटें आरक्षित करवा लेते हैं। सीटों के आरक्षण की व्यवस्था स्टेशनों तथा अन्य प्रमुख स्थानों में होती है । अधिक सुविधा के लिए धनी लोग वातानकलित डब्बों में सफर करते हैं । इसके लिए अधिक किराया देना पड़ता है ।
रेलगाड़ियाँ मुख्यतः दो प्रकार की होती हैं । पहली सवारी गाड़ी और दूसरी मालगाड़ी । सवारी गाड़ी भी दो प्रकार की होती है – लोकल ट्रेन और लम्बी दूरी तक जाने वाली ट्रेन । लोकल या स्थानीय ट्रेन दो निकटवर्ती स्थाना को आपस में जोड़ती है । लम्बी दूरी तक जाने वाली कुछ गाड़ियाँ तीव्र गति से चलती हैं । इन्हें एक्सप्रेस ट्रेन कहा जाता है । एक्सप्रेस ट्रेन केवल मुख्य-मुख्य स्टेशनों पर रुकती है । मालगाड़ी से माल या समान ढोया जाता है । एक स्थान से दूसरे स्थान तक विभिन्न प्रकार के माल की ढुलाई में माल गाड़ी प्रमुख भूमिका निभाती है । व्यापारियों तथा आम लोगों को इससे बहुत लाभ होता है । आम उपयोग की वस्तुएँ दूर-दराज के स्थानों तक मालगाड़ी के द्वारा शीघ्र पहुँचाई जा सकती हैं।
रेलगाड़ियाँ दुनिया भर में चलती हैं । भारत में पहली रेलगाड़ी 1856 ई. में मुम्बई से थाणे के बीच चली थी । यह दूरी केवल 31 किलोमीटर की थी । तब से लेकर अब तक रेलमार्ग का बहुत विस्तार हुआ है । भारतीय रेलगाडियाँ हर दिन डेढ करोड से अधिक यात्रियों को ढोती हैं । इसके अतिरिक्त ये लाखों टन माल भी ढोती हैं। भारतीय रेल दनिया की चौथी सबसे बड़ी रेल सेवा है । रेलें देश के विभिन्न भागों को एक-दूसरे से जोड़ती हैं । इससे देश में एकता की स्थापना होती है।
रेलगाड़ियाँ को चलाना आसान काम नहीं है । भारत में चौदह लाख कर्मचारी दिन-रात काम करके रेल-यात्रा को सफल बनाते हैं । इनके अतिरिक्त लाखों लोग दिन-रात काम करके रेलयात्रियों को खाने-पीने की सुविधाएँ उपलब्ध कराते हैं । हजारों लोग साफ़-सफ़ाई की व्यवस्था सँभालते हैं । रेल के डब्बे तथा इंजन देश में ही तैयार किए जाते हैं । वाराणसी और चित्तरंजन में रेल इंजन बनाने का कारखाना स्थापित किया गया है । रेल के डन अन्य स्थानों पर तैयार किए जाते हैं । इस प्रकार रेलों की पूरी व्यवस्था से लाखों लोगों को रोजगार प्राप्त होता है ।