हिमालय
The Himalayas
हिमालय भारत के उत्तर दिशा में स्थित है । इसे पर्वतराज या पर्वतों का राजा कहा जाता है । यह कोई एक पर्वत नहीं बल्कि ऊँचे-ऊँचे पर्वतों की खिला है । हिमालय उत्तर दिशा में भारत की रक्षा करता है । यह भारत का मुकुट है । हिमालय की महानता और विशालता को देखकर गर्व का अनुभव होता है।
हिमालय का धार्मिक महत्त्व बहुत अधिक है । हिन्दुओं की मान्यता है कि भगवान शिव का निवास स्थान कैलास पर्वत पर है जो हिमालय में स्थित है । शिव की पत्नी पार्वती हिमालय की पुत्री हैं । ऋषि-मुनियों ने हिमालय की गुफाओं तथा अन्य पवित्र स्थानों में यज्ञ और तप करके धर्म को ऊँचा उठाया था । हमारे बहुत से धर्मस्थान हिमालय के अंचलों में हैं। अमरनाथ, कैलास, मानसरोवर, केदारनाथ, हरिद्वार आदि स्थान पूजा और श्रद्धा के केन्द्र हैं।
हजारों मील में फैला हिमालय क्षेत्र घने जंगलों से पटा हआ है। यहाँ से हमें फल-फूल, लकड़ी, जड़ी-बूटियाँ, खनिज, केसर एवं रनों की प्राप्ति होती है । हिमालय क्षेत्र में बसा कश्मीर धरती का स्वर्ग कहलाता है । हिमालय की प्राकृतिक सुन्दरता को देखने देश-विदेश के पर्यटक आते ही रहते हैं । यहाँ की सुन्दरता को देखकर हर कोई ठगा-सा रह जाता है । घने वनों में शेर, हाथी, चीता, चमरी गाय आदि अनेक प्रकार के जीव-जन्तु निवास करते हैं । यहाँ के वनों में देवदार, सपू, सेब, चीड़ आदि वृक्षों की भरमार है । सेब और चाय के बागों की ख्याति पूरी दुनिया में है । कश्मीर में कैसर की खेती की जाती है।
संसार का सर्वोच्च पर्वत शिखर माउण्ट एवरेस्ट या सागरमाथा हिमालय को और भी महान बना देता है । पर्वतारोही माउण्ट एवरेस्ट पर विजय प्राप्त कर गर्व का अनुभव करते हैं । के-2, कंचनजंघा, धौलागिरि. नन्दादेवी आदि इसके अन्य ऊँचे पर्वत शिखर हैं। ऊँची-ऊँची चोटियों पर सालों भर बर्फ जमी रहती है। इसीलिए यहाँ से निकलने वाली नदियों में परे वर्ष जल रहता है। गंगा, यमुना, सिन्धु, ब्रह्मपुत्र आदि नदियाँ हिमालय से निकलकर भारत की धरती को सिंचित करती रहती हैं । हिमनदियाँ भारतवासियों की प्यास बुझाती हैं।
हिमालय का भौगोलिक महत्त्व भी है । यह दक्षिण से आने वाली मानसूनी पवनों को रोककर वर्षा कराता है। मानसूनी वर्षा से उत्तर भारत में भरपूर वर्षा होती है । दूसरी ओर हिमालय उत्तर दिशा से आने वाली सर्द हवाओं को रोककर भारत को भयानक सर्दी से बचाता है । इस तरह हिमालय भारत के लोगों पर बहुत उपकार करता है । हिमालय न होता तो उत्तर भारत में बहुत कम वर्षा होती । हिमालय न होता तो गंगा, यमुना जैसी प्रसिद्ध नदियाँ नहीं होतीं । यहाँ की उपजाऊ भूमि बंजर हो जाती।
हिमालय भारत की शान है । हिमालय के पर्वतीय क्षेत्रों में जाने से प्रकृति के विराट रूप के दर्शन होते हैं । राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ हिमालय की प्रशंसा करते हुए कहते हैं :
‘मेरे नगपति ! मेरे विशाल !
साकार, दिव्य गौरव विराट् ।‘
कालिदास, जयशंकर प्रसाद, निराला आदि कवियों को हिमालय से बहुत प्रेरणा मिली है । हिमालय की प्रशंसा में अनेक कविताएँ लिखी गई हैं। हिमालय ने हमारी सभ्यता और संस्कृति को उन्नत बनाकर हम पर बहुत उपकार किया है।