The Camel “ऊँट” Essay in Hindi, Best Essay, Paragraph for Class 8, 9, 10, 12 Students.

ऊँट

The Camel

 

ऊँट एक पालतू जन्तु है । यह मुख्यतया रेगिस्तानी प्रदेशों में पाया जाता रेगिस्तानों में इसकी उपयोगिता के कारण इसे रेगिस्तान का जहाज कहा काअपनी शारीरिक विशेषताओं के कारण यह गर्म तथा सखे स्थानों में आसानी से रह सकता है।

ऊँट का शरीर बेढंगा और कूबड़दार होता है । इसकी गर्दन जेबरे की तरह लंबी होती है । इसकी पीठ में एक कूबड़ होती है । इसमें चर्बी जमी होती है । भोजन और जल के अभाव की स्थिति में इस चर्बी से ही ऊँट को ताकत मिलती है। ऊँट की चार टाँगें होती हैं जो लम्बी और मजबूत होती हैं। इसकी चमड़ी मोटी होती है जिस पर घने बाल होते हैं । इसके कारण यह सर्दी और गर्मी सह लेता है । रेगिस्तानों में दिन में बहुत गरमी तथा रात में बहुत ठंड पड़ती है । ऊँट अपने शरीर की बनावट के कारण इस विषम तापमान को सहन कर सकता है।

रेगिस्तान में ऊँट के काफिले चलते हैं । यात्री इन पर सवारी करते हैं और इनकी पीठ पर वजन लाद कर दूर-दूर तक यात्रा करते हैं । ऊँट के पैर के तलवे गद्देदार होते हैं जो रेत में नहीं धंसते । यह एक बार पानी पी लेने के बाद लगभग पंद्रह दिनों तक अपना काम चला लेता है । कई दिनों तक यह बिना भोजन के भी रह जाता है। रेगिस्तानी क्षेत्रों में कहीं-कहीं मरुद्यान होता है । यहाँ पानी और हरियाली होती है । ऊँट यहाँ पर रुककर अपनी भूख

और प्यास बुझाता है । यह काँटेदार झाड़ियों की पत्तियाँ बड़े मजे से खाता है। भाजन और आराम के बाद यह फिर से यात्रा पर निकल पड़ता है । यह एक बार में ही इतना पानी पी लेता है कि कई दिनों तक पानी की आवश्यकता नहीं रहती है।

रेगिस्तानों क्षेत्रों के निवासी ऊँटों को बड़ी संख्या में पालते हैं । वे ऊँटनी से दूध प्राप्त करते हैं । ऊँटनी का दुध बहत पौष्टिक होता है । इसका दूध बहुत गाढ़ा होता है जो विभिन्न प्रकार के कार्यों में बहुत उपयोगी होता है। ऊँट मरुद्यानों में हल खींचकर किसानों की मदद करता है । बैल के समान ऊँट भी गाड़ी में जोते जा सकते हैं। ऊँटगाड़ी का प्रयोग देश के विभिन्न भागों में किया जाता है । ऊँट के बालों से थैला, रस्सी, कपड़ा, गद्दा आदि विभिन्न प्रकार की वस्तुएँ तैयार की जाती हैं । इस प्रकार ऊँट अपने मालिक की हर प्रकार से सहायता करता है।

रेगिस्तान में वर्षा बहुत कम होती है । वर्षा के अभाव में कहीं-कहीं कँटीली झाड़ियाँ भर उग पाती हैं । ऊँट इन्हीं झाड़ियों से अपना भोजन प्राप्त करता है । वह घूम-घूम कर खाता है ताकि झाड़ियाँ नष्ट न हों । इस तरह ऊँट पर्यावरण की रक्षा करता है । परन्तु आजकल रेगिस्तान के निवासी ऊँट पालने की जगह भेड़-बकरियों को पालना अधिक पसंद करने लगे हैं । भेड़-बकरियाँ रेगिस्तानी क्षेत्रों की हरियाली को नष्ट कर देती हैं । अत: रेगिस्तानी पर्यावरण की रक्षा के लिए ऊँट-पालन का बहुत महत्त्व है। खरिदार न मिलने के कारण आजकल ऊँटों की कीमत घट गई है । पालक के अभाव में ऊँटों की संख्या में भारी कमी आ गई है । अतः हमें ऊँटों को संरक्षण प्रदान करना चाहिए ।

इस तरह ऊँट बहुत उपयोगी प्राणी है। रेगिस्तान में ऊँटों की बराबरी और कोई जीव नहीं कर सकता । इस उपयोगी जन्तु की देखभाल करना हम सबका दायित्व है।

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