Tag: हिंदी निबंध
प्रकृति के प्रति मानव की उदासीनता Prakriti ke Prati Manav ki Udasinta मानव अपने उदभव काल से ही प्रकृति से प्रेम करता रहा है। उसने प्रकृति की गोद में …
विवाह में पैसों की बर्बादी Vivah mein Paiso ki Barbadi विवाह अब धनिकों के लिए दिखावा हो गया है। दिखावे में वे पैसे का खूब दुरुपयोग करते हैं। खाने …
भ्रष्टाचार की बढ़ती हुई घटनाएँ Bhrashatachar ki Badhti Hui Ghatnaye भ्रष्टाचार मानव सभ्यता के साथ-साथ बढ़ा है, पहले आटे में नमक जितना था आज नमक में आटे जितना हो …
बड़े शहरों में जीवन की चुनौतियाँ Bade Shahro me Jeevan Ki Chunautiya आज बड़े शहरों में आम आदमी के लिए जीवन जीना मुश्किल होता जा रहा है। अमीर लोगों …
प्रांतीयता का फैलता हुआ विष Prantiyata ka Failta Hua Vish भारत की पहचान एकता है। हमारे वेदों, पुराणों में : राष्ट्रभक्त लेखकों ने भारतीयों को सांप्रदायिक एकता का पाठ …
कहाँ गए वे दिन Kaha Gye Vo Din जब कभी मैं गली में बच्चों को मुक्त हृदय से खेलते हुए देखता हूँ तब मुझे अपने बचपन के दिन याद …
15 अगस्त को लाल किले का दृश्य 15 August ko Lal Quile Ka Drishye पन्द्रह अगस्त को भारत स्वतंत्र हुआ था। इसलिए देश में बहुत आदर व हर्ष-उल्लास के …
ग्रामीण जीवन की चुनौतियाँ Gramin Jeevan ki Chunautiya भारत गाँवों में बसता है यह कहावत इक्कसवीं सदी में भी चरितार्थ होती है। शहर में शहरी हर तरह की सुविधाएँ …
मेरा आदर्श रोल मॉडल Mere Adarsh Role-Model बारह जनवरी सन् 1863 को भारत की जन्मभूमि में एक ऐसे महापुरुष ने जन्म लिया जो नवजागरण का अग्रदूत था। इस अग्रदूत …
भारतीय युवक कैसे करें देश सेवा Bharatiya Yuvak Kaise kare Desh Seva जब देश सेवकों को एक पीढ़ी आयुवद्ध हो जाती है तब दूसरी पीढ़ी नए सपने लेकर देश-सेवा …