Tag: हिंदी कहनिया
बोलती गुफा Bolti Gufa कहानी संख्या:- 01 किसी वन में एक सिंह रहता था । बूढ़ा होने के कारण वह शिकार कर पाने में असमर्थ था । वह चार …
जाति का प्रभाव Jati ka Prabhav किसी वन में एक सिंह दंपति का निवास था । उनके दो पुत्र थे। पिता रोज ही हिरन का शिकार कर परिवार के …
धूर्तता का फल Dhurtata Ka Phal किसी नगर में जीर्णधन नामक एक व्यापारी रहता था । नगर में अकाल पड़ने से उसका धंधा नहीं चल रहा था । वह …
हितसाधक शत्रु Hitsadhak Sahtru किसी स्थान पर द्रोण नामक एक दरिद्र ब्राह्मण निवास करता था । वह पा के वेश में द्वार-द्वार भीख माँगकर अपना गुजारा करता था। उस …
भीष्म प्रतिज्ञा Bhishma Pratigya एक बार महाराज शांतनु शिकार के लिए यमुना नदी के किनारे गए। वहाँ एक खूबसूरत निषाद-कन्या को देखकर उनके मन में उससे विवाह करने की …
नचिकेता Nachiketa वाजश्रवा ने अपनी उन्नति के लिए यज्ञ का आयोजन किया । इसमें देश के विद्वान और ऋषि-मुनि आमंत्रित किए गए । यज्ञ के उपरान्त वाजश्रवा ने ब्राह्मणों …
स्वावलम्बन की भावना Swavlamban ki Bhawna जीवन में वही व्यक्ति महान् बनता है जो व्यक्ति दूसरों पर निर्भर नहीं करता। अपने हाथों से स्वयं काम करके सन्तुष्ट होता …
जैसे को तैसा Jaise ko Taisa हम जिस प्रकार के व्यवहार की दूसरों से इच्छा रखते हैं उन से वैसा ही व्यवहार करे। छल-कपट से दूसरों को परेशानी …
कर भला सो हो भला Kar Bhala So Ho Bhala यदि हम चाहते हैं कि संकट में हमारी कोई सहायता करे तो हमें भी कष्ट में उनकी सहायता …
मूर्ख मित्र से बुद्धिमान शत्रु अच्छा Murakh Mitra se Budhiman Shatru Accha कभी-कभी मूर्ख मित्र का साथ मुसीबत का कारण कम जाता है जबकि बुद्धिमान शत्रु मुसीबत के समय …