Tag: हिंदी निबंध
दौलत अंधी होती है Daulat Andhi Hoti Hai समरकंद के बादशाह अमीर तैमूरलंग के पास दिल्ली में एक अंधा गवैया आया। बादशाह ने नाम पूछा। बोला, “दौलत।” बादशाह …
देखना है ऊँट किस करवट बैठता है Dekhna Hai Unth Kis Karvat Baithta Hai काइ कुंजड़ा और कुम्हार गांव में पास-पास रहते थे। बाजार में दोनों को अपना मान …
दिल्ली में बारह वर्ष रहे Delhi me Barah Varsh Rahe आदमी को दिल्ली में बारह बरस बिताने के बाद संयोग से देहात में जाना पड़ा। से अपने दिल्ली …
तू कहे सो सच्च है ढढ्ढो, तू कहे सो सच Tu Kahe So Sach Hai Dhaddho होली के दिन थे। कई बदमाशों ने एक बुढ़िया को लूटा और एक …
तुनतुनी बजाते मियां, खाते शक्कर घी, नौकरी की ऐसी तैसी, जिसमें जावे जी। किसी चमार के पास आधा बीघा खेत था, उसमें बड़ी मुश्किल से गुज़र होता। चमार चालाक …
तीसरा मुझ को मारेगा Tisra Mujh Ko Marega बनियों के डरपोकपन के बहुत से किस्से कहे जाते हैं। उनमें से एक का संबंध इस कहावत से है। पुराने …
डपोरशंख Daporshankh किसी आदमी ने एक देवता की बड़ी तपस्या करके एक ऐसा शंख पाया कि उससे जो मांगिए, मिलता। किसी को इसका पता चल गया और वह उसे …
टके का नामक लाऊं, ला मेरी पालकी Take Ka Namak Lau, La Meri Palki किसी जमींदार के यहां पालकी के लिए आठ कहार नौकर थे। एक दिन उन्हीं में …
जो यह है सो वह है Jo Yah Hai So Vah Hai किसी राजा ने अपनी राजधानी के दो व्यापारियों को बुलाकर उनके सामने कुछ गेहूं रखे और …
जैसे को तैसा मिले Jaise Ko Taisa Mile पूरी कहावत यों है: जैसे को तैसा मिले सुनिए राजा भील। पीतल को घुन खा गए, छोरे को ले गई …