Tag: हिंदी निबंध
वन संपदा पर गहराता संकट Van Sampada par Gehrata Sankat सामने लहलहाता झूमता हुआ, अपनी बाँहों को फैलाए हुए, मदमस्त हरा-भरा, फल-फूलों से लदा आम का पेड़ सदैव की …
नारी सुरक्षा Nari Suraksha सृष्टि की जन्मदात्रों नारी आज अपनी संतान से ही स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रही है। इक्कीसवीं शताब्दी में आज के यौन के भूखे युवकों …
बदलती शिक्षा व्यवस्था Badalti Shiksha Vyavastha जैसे-जैसे समाज प्रगति की ओर बढ़ रहा है उसके शैक्षणिक परिवेश में भी बदलाव आ रहा है। पहले कला संकाय, वाणिज्य संकाय और …
मेरा प्रिय कवि Mera Priya Kavi छायावाद के प्रारम्भिक कवियों में क्रमश: व्यक्तिचेतना, राष्ट्रीय चेतना और समष्टि चेतना का प्रस्फुटन और विकास दृष्टिगोचर होता है। किन्तु आगे चलकर अलग-अलग …
महाशक्ति के रूप में उभरता भारत Mahashakti ke Roop me Ubharta Bharat आजादी से आज तक का सफर करने वाला भारत आज इस मुकाम पर पहुँच गया है कि …
मेरा देश मेरा कर्त्तव्य Mera Desh Mera Kartvya मैं भारत का हूँ। इसके लिए मेरा तन, मन और धन कुर्बान है। मैं अपने देश को समस्याओं से मुक्त देखना …
स्त्री शिक्षा और सामाजिक चेतना Stri Shiksha aur Samaj Chetna एक चिंतक ने नारी शिक्षा के संबंध में बहुत ही महत्त्वपूर्ण बात कही है। उसका कहना है कि नारी …
विज्ञान और समाज Vigyan aur Samaj विज्ञान और समाज का रिश्ता एकदम ऐसा है जैसे चोली-दामन का। यह समाज का सच्चा दोस्त है। कहा जाता है कि जो दोस्त …
हिंदी और भारत का भविष्य Hindi aur Bharat ka Bhavishya हिंदी भारत की राष्ट्रभाषा है। यह चाहे कानूनी तौर पर अंग्रेजी भाषा के कारण संवैधानिक रूप से राजभाषा का …
खेल और युवा Khel aur Yuva खेल युवा को तन-मन से स्वस्थ रखते हैं। उसके प्रसन्न रहने का यह एक अचूक साधन है। खेल के बाद मन अध्ययन में …