Summer Vacation bitane ki yojna apne pitaji ko batate hue patra, “ग्रीष्मावकाश बिताने की अपनी योजना के बारे में बताते हुए पिताजी को पत्र”

ग्रीष्मावकाश बिताने की अपनी योजना के बारे में बताते हुए मानसगंगोत्री, मैसूर निवासी अपर्णा की ओर से पिताजी को पत्र लिखिए।

 

अपर्णा मानसगंगोत्री

मैसूर

दिनांक : 13-3-2015

आदरणीय पिताजी!

सादर प्रणाम!

आशा है, आप सानंद होंगे। आपने पिछले पत्र में ग्रीष्मावकाश बिताने के बारे में पूछा था। पिताजी! पहले तो मैं तीन-चार दिन आराम करूंगी। खूब सोऊँगी, खाऊँगी और मौज करूंगी। फिर मैं संगीत सीखने में मन लगाऊँगी। बीच में पाँच दिनों के लिए पहाडों पर घूमने अवश्य जाऊँगी। आप माँ जी को कहिए कि वे मुझे मसूरी या नैनीताल अवश्य ले जाएँ। आप यहाँ होते, तो मैं अवश्य आपके साथ जाती। परंतु आपकी विवशता है। आप विदेश में हैं। आप जब भी वापस आएँगे, मैं आपके साथ भी घूमने जाऊँगी।

आपकी लाड़ली

अपर्णा

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