Science Experiment “Grow own Bacteria”, “उपजायें खुद के बैक्टीरिया” in Hindi for Class 8, 9, 10 and 12 Students.

उपजायें खुद के बैक्टीरिया

Grow own Bacteria

 

बैक्टीरिया बहुत ही रोचक किस्म के जीवाणु (organisms) है। वे हमारे जीवन में बहती महत्त्वपूर्ण भाग निभाते हैं। अपने खुद के बैक्टीरिया उगाइए और देखिए कैसे कुछ ही समय में यह प्रजनन (reproduce) करके अपनी संख्या बढ़ाते हैं।

आवश्यक सामग्री: शैवाल (agar) की पेट्री डिश. रुई की तीलियाँ, पुराना अखबार।

प्रयोग की विधि:

  1. रुई की तीली को अपने घर की किसी भी सतह पर हलका-सा रगड़ें और बैक्टीरिया के नमूने इक्कट्ठा कीजिए।
  2. इस तीली को शैवाल की पेट्री डिश पर हलके से रगड़ें और उसपर ढक्कन लगा के सील बन्द कर दें।
  3. इस डिश को किसी गरम कोने में 2-3 दिन के लिए रख दें।
  4. हर दिन बैक्टीरिया की वृद्धि का अवलोकन करें और उसमें आये बदलावों को नोट कर लें।
  5. इसी प्रक्रिया को एक नयी पेट्री डिश के साथ दोहरायें। इस बार आप नमूना अपने नाखूनों से ले सकते हैं।
  6. बैक्टीरिया को निष्कासित (dispose) करने के लिए पेट्री डिश को बिना ढक्कन हटाये. पुराने अखबार में लपेट कर कूड़ेदान में डालें।

अवलोकन: शैवाल की प्लेट और गरम वातावरण बैक्टीरिया को बढ़ने और प्रजनन करने के लिए उपयुक्त अवस्था देता है। प्लेट में रखे सूक्ष्मजीवाणु (microorganism) प्रजनन करके अलग-अलग बस्तियों बना लेते हैं और एक-दूसरे का प्रतिरूप होते हैं। रुई की तीली से लिया गया नमूना बहुत जल्दी बढ़ता है और कुछ ही दिनों में नंगी आँखों से दिखने लगता है। आपके शरीर से लिया गया नमूना कितनी जल्दी बढ़ा? बैक्टीरिया धरती पर हर जगह है। यह मिटटी, पानी, हवा, मल, पेड़-पौधे, जानवर और इनसानों में भी पाये जाते हैं। हालाँकि मानव की प्रतिरोधक (resistance) क्षमता इतनी शक्तिशाली है कि इन बैक्टीरिया का हम पर अधिक असर नहीं होता।

Leave a Reply