विज्ञान दिवस (Science Day)
आज किसी भी देश के विकास में विज्ञान की भूमिका को सर्वाधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। आज विज्ञान की मदद से प्रत्येक देश अपनी समस्याओं के हल निकाल सकता है। हमारी पुरानी रूढ़ियों और अंधविश्वासों को विज्ञान के प्रयासों के समुचित प्रसार से ही दूर किया जा सकता है।
भारत में ‘कोठारी कमीशन’ ने इस बात पर जोर दिया कि प्राथमिक स्तर के बच्चों में भी विज्ञान के प्रति रुचि उत्पन्न की जाए। ताकि यह भावी पीढ़ी अपने ज्ञान और विज्ञान के सहारे देश को संसाधन-सम्पन्न राष्ट्र बनाने में अपना सहयोग दे सके। देश में हम अपने सोच के स्तर को, अपने दृष्टिकोण को तथा अपनी दिनचर्या तक को वैज्ञानिक दृष्टि दे सकें।
आज विज्ञान हमारे दैनिक जीवन में भी घुल-मिल रहा है। मनुष्य पाषाण युग से चलकर आज अन्तरिक्ष युग में पहुँच गया है। आज किसी भी देश की प्रतिष्ठा, उसकी क्षमता, उसकी सम्पन्नता उस देश की वैज्ञानिक उन्नति से ही आँकी जाती है। हमारा देश विज्ञान में बहुत आगे है। कम्प्यूटर विज्ञान से लेकर परमाणु विज्ञान तक हमारा देश विश्व के समृद्ध देशों के साथ अग्रिम पंक्ति में खड़ा है।
चिकित्सा के क्षेत्र में विज्ञान जहाँ रक्षक बना हुआ है वहीं अणु बम और राकेटों के कारण विनाश के करीब भी खड़ा हुआ है।
ज्ञान और विज्ञान का समुचित विकास हो। देश की नई पीढ़ी की विज्ञान में रुचि निरंतर विकसित होती जाए। देश तेजी से विकास करता हुआ फिर ‘विश्वगुरु’ कहलाए इसके लिए विज्ञान के महत्व को सदा स्मरण रखना होगा। कृषि और विज्ञान दोनों ही इस देश के विकास के मूल आधार हैं।
कैसे मनाएँ विज्ञान दिवस (How to celebrate science day)
- विज्ञान के अध्यापक बच्चों को विज्ञान का महत्व बताएँ ।
- आधुनिक विज्ञान में हुई नई खोजों के बारे में बच्चों को बताएँ।
- भारत के महान वैज्ञानिकों का संक्षिप्त परिचय बच्चे स्वयं दें।
- विद्यालय के बच्चों द्वारा निर्मित चीजों की प्रदर्शनी लगाएँ।
- शरीर विज्ञान के अन्तर्गत स्वच्छता का महत्व बच्चों को समझाया जाए। 6. विज्ञान से हानि-लाभ विषय पर बच्चों के बीच वाद-विवाद प्रतियोगिता रखी जाए।
- ‘अगर ऐसा हो जाए तो…’ बच्चे विज्ञान के माध्यम से क्या करिश्मा करना चाहते हैं, अपनी कल्पना की उड़ान सभा में बताएँ ।
- ‘किसने क्या खोजा, कब खोजा’ वैज्ञानिकों के नाम, सन् और खोज पोस्टर पर लिखकर लगाएँ ।
- सामान्य ज्ञान पर आधारित ‘क्विज प्रतियोगिता’ रखी जाए।