Sangharsh Hi Jeevan Hai “संघर्ष ही जीवन है” Essay in Hindi, Best Essay, Paragraph for Class 8, 9, 10, 12 Students.

संघर्ष ही जीवन है

Sangharsh Hi Jeevan Hai

जीवन संघर्ष से बना है। संघर्ष के समय ही सारी जीवनी-शक्ति प्रकट हो उठती है। मनुष्य संघर्ष के समय जितना प्रखर, तेजस्वी और कर्मठ हो उठता है, उतना और किसी अवसर पर नहीं दिखाई देता। संघर्ष का अर्थ लड़ना-भिड़ना नहीं है। इसका अर्थ है किसी उद्देश्य के लिए भरपर कर्म करना। जब मनुष्य पूरे मन से कर्म करता है तो उसे असीम आनंद मिलता है। उस क्षण उसकी सारी शक्तियाँ केंद्रित हो जाती हैं। वह पूरे मनोयोग से कर्म करता है। ईश्वर का विधान है कि सबको कुछ-न-कुछ करना पड़ता है। सूरज को बिना रुके अपनी धरी पर घूमना पड़ता है। बादलों को कहीं से उठकर पूरी धरती पर बरसना पड़ता है। पशु और पक्षियों को भी भाग-दौड़कर पेट भरना पड़ता है। मनुष्य भी अपने सभी कर्म संघर्षपूर्वक करता है। वास्तव में संघर्ष में ही आनंद है। निठल्ले और बेकार आदमी को किसी प्रकार का सुख नहीं मिलता।

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