Sanchar Kranti me Telephone “संचार क्रांति में टेलीफोन” Essay in Hindi, Best Essay, Paragraph for Class 8, 9, 10, 12 Students.

संचार क्रांति में टेलीफोन

Sanchar Kranti me Telephone

 

रेलीफोन मनुष्य को विज्ञान की एक बड़ी देन है । हिन्दी में इसे दूरभाष के नाम से जाना जाता है । इसके माध्यम से दूर-से-दूर बैठे व्यक्ति से इस तरह बात की जा सकती है जैसे वह सामने ही बैठा हो । इस तरह टेलीफोन ने टनिया के लोगों को आपस में जोड़ दिया है । इस आविष्कार ने दरियाँ समाप्त कर दी हैं।

टेलीफोन का आविष्कार अलेक्जेण्डर ग्राहम बेल ने किया था । इस आविष्कार के बाद जगह-जगह टेलीफोन की तार को फैलाने का काम शुरू हो गया । अब तो बिना तार के ही लोग मोबाइल फोन से बातचीत कर सकते हैं । यह टेलीफोन का ही सुधरा हुआ रूप है । टेलीफोन और मोबाइल फोन ने संचार की दुनिया में क्रांति ला दी है। लोग किसी भी समय कहीं भी बात कर सकते हैं।

टेलीफोन के रूप में बहुत सुधार हआ है । इसमें कान से सुनने और मुँह से बोलने के लिए एक यंत्र होता है जिसे रिसीवर कहते हैं । रिसीवर में आवाज ध्वनि तरंगों के माध्यम से हमारे कानों तक पहुँचती है । टेलीफोन से बातचीत को आसान बनाने के लिए सभी प्रमुख स्थानों में टेलीविजन एक्सचेंज बने होते हैं । एक एक्सचेंज को दूसरे एक्सचेंज से तारों द्वारा जोड़ा जाता है । टेलीफोन के तार जमीन के अन्दर बिछाए जाने लगे हैं । जमीन के अन्दर बिछाए गए इन तारों को केबिल कहते हैं । इन साधनों के अलावा टेलीफोन और मोबाइल फोन पर बातचीत को संभव बनाने में संचार उपग्रहों का भी काफी महत्त्व होता है।

टलीफोन के प्रचार-प्रसार से हमारे जीवन में भारी बदलाव आ गया है। मित्रों और सगे-संबंधियों के बीच समाचारों के आदान-प्रदान में पहले कई दिन लग जाते थे । अब यह कार्य तुरंत हो जाता है । टेलीफोन ने व्यापार में भी बहुत मदद की है। एक स्थान में बैठा व्यापारी दूसरे स्थान में बैठे व्यापारी से अब किसी भी समय बात कर सकता है । उसे तुरंत ही बाजार-भाव और मार्केट की स्थिति का पता चल जाता है । सरकारी तथा निजी कार्यालयों से संपर्क करना अब बहुत आसान हो गया है । टेलीफोन आज घर-घर में मौजूद है । भारत के सभी गाँवों तक टेलीफोन के तार बिछाए जा रहे हैं।

टेलीफोन के आने से समय, श्रम और धन की बचत हो गई है । लोग बहुत कम समय में ही अब अपना संदेश पहुँचा सकते हैं । पहले लोग पैदल चलकर या यात्रा करके संदेश पहुँचाते थे । इसमें समय, श्रम और धन अधिक लगता था । अब यह काम आसान हो गया है । टेलीफोन सेवा बहुत थोडे से धन के व्यय से ही उपलब्ध हो जाती है। यही कारण है कि आज हर कोई टेलीफोन या मोबाइल सेवा से जुड़ना चाहता है।

टेलीफोन सेवा ने बेरोजगारों के लिए बड़ी संख्या में रोजगार की व्यवस्था कर दी है । महानगरों और छोटे-छोटे शहरों में लोग टेलीफोन बूथ खोलकर रोजगार प्राप्त कर रहे हैं । इस काम के लिए अधिक पँजी की भी जरूरत नहीं होती है । दूसरी ओर टेलीफोन बनाने वाले कारखानों में भी हजारों लोगों को रोजगार मिला हुआ है । इस तरह टेलीफोन आधुनिक युग में विज्ञान का एक बड़ा वरदान बन गया है । अनेक सरकारी और निजी कंपनियाँ लोगों को दूरसंचार सुविधाएँ उपलब्ध कराने का कार्य कर रही हैं । टेलीफोन तथा मोबाइल फोन के क्षेत्र में कंपनियाँ ढेर सारी पूँजी लगा रही

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