दिल्ली में बढ़ते अपराधों पर दो लोगों के बीच संवाद
मि. आशीष : आपने सुना कल दो लड़के मोटरसाइकिल पर सवार शालिनी जी की सोने की चेन खींच कर भाग गए।
मि. मानस : हाँ! सुना तो। पता नहीं ये सब क्या हो रहा है।
मि. आशीष : दिल्ली तो अब बिलकुल भी सुरक्षित नहीं रही।
मि. मानस : पता नहीं पुलिस क्या करती रहती है?
मि. आशीष : सही कहते हो। जहाँ भी देखो चोरी, अपहरण, डकैती की खबरें तो आम हो गई है।
मि. मानस : मुझे लगता है कि इन सब को सुधारने का दायित्व हमारे युवाओं पर है।
मि. आशीष : पर आज का युवा ही दिग्भ्रमित हो गया है।
मि. मानस : यह काम किसी अकेले के वश का नहीं है। सारे समाज को एक होना होगा तथा पुलिस को अपने कार्यों को ईमानदारी से पूरा करना चाहिए।
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