Samvad Lekhan on “Badhti Mehangai par Mitra ke saath samvad 50 shabdo me”, “बढ़ती महँगाई के संबंध में मित्र से हुए वार्तालाप को संवाद”

बढ़ती महँगाई के संबंध में मित्र से हुए वार्तालाप को संवाद के रूप में लगभग 50 शब्दों में लिखें।

 

सतीश : हरीश, आज परेशान क्यों दिख रहे हो?

हरीश : बाजार से आ रहा हूँ। महँगाई ने तो आम आदमी की कमर ही तोड़ दी है।

सतीश : क्यों क्या हो गया ?

हरीश : जिस भी चीज को हाथ लगाओ, पिछली बार से दोगुने भाव में बिक रही है।

सतीश : महँगाई की तो पूछो ही नहीं।

हरीश : आज राशन लाने के लिए मैं दो हजार रुपए लेकर गया था, पर इस बार हमेशा लेने वाला राशन साढ़े तीन हजार में मिला। दुकानदार से उधार करके आया हूँ।

सतीश : राशन, फल, सब्जी, कपड़ा, घरेलू आदि सब सामान की कीमतें आसमान को छू रही हैं।

हरीश : क्या दुकानदारों पर कोई कानून नहीं है ?

सतीश : कानून तो बने हुए हैं, पर उन्हें सही ढंग से लागू नहीं किया जाता।

Leave a Reply