राजीव गांधी जयन्ती (अक्षय ऊर्जा दिवस) Rajiv Gandhi Jayanti – Akshay Urja Divas)
31 दिसम्बर, 1984 को राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। तब राजीव मात्र चालीस वर्ष के थे। राजीव का जन्म 20 अगस्त, 1944 को बम्बई में हुआ था। इनके पिता फिरोज गांधी (पारसी) थे और माता भारत की महान नेता इंदिरा गांधी ।
31 अक्टूबर, 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी को उन्हीं के अंगरक्षक ने गोली मार दी थी। श्रीमती गांधी की मृत्यु के बाद ही उनके पुत्र राजीव गांधी प्रधानमंत्री बने ।
राजीव बचपन से ही न्यायप्रिय, अनुशासित और गंभीर प्रवृत्ति के थे। गरीबों के प्रति उनके मन में काफी दया थी। प्रायः वे अपनी माता से कहकर गरीब बच्चों की सहायता करते रहते थे। सन् 1955 में वे देहरादून स्कूल में पढ़ने भेज दिए गए। वहाँ उन्होंने न तो कभी स्कूल का अनुशासन तोड़ा, न ही किसी नियम का उल्लंघन किया। न ही उनमें इस बात का घमंड था कि वे देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के नाती हैं।
सीनियर कैम्ब्रिज पास कर लेने के बाद उन्हें अध्ययन के लिए विदेश भेज दिया गया। पिता इंजीनियर थे, यह रुचि राजीव में भी थी। राजीव को यहाँ जितना भी समय मिलता वे कुछ न कुछ काम करके पैसा कमाते और अपनी पढ़ाई का खर्च चलाते ।
इंग्लैंड में रहते हुए ही उनकी पहचान सोनिया माइनो से हुई। दोनों ने एक-दूसरे को पसंद किया और 25 फरवरी, 1968 को राजीव-सोनिया वैवाहिक बंधन में बँध गए।
प्रारंभ से कल-पुर्जे ठीक करने अर्थात् इंजीनियरिंग में रुचि रखने वाले राजीव ने इंग्लैंड में पायलट का प्रशिक्षण लिया। इसमें पारंगत होते ही 1970 में इंडियन एयर लाइन्स में पायलट बन गए। राजीव की राजनीति में कोई रुचि नहीं थी। परंतु छोटे भाई संजय गांधी की हवाई दुर्घटना में मृत्यु के अकेली हो गई थीं। बाद इंदिरा गांधी ने राजीव को अपने पास बुला लिया, क्योंकि वे एकदम
जून 1982 में राजीव गांधी संसद सदस्य चुने गए और 17 अगस्त को उन्होंने सांसद के रूप में शपथ ली।
राजीव ने प्रधानमंत्री बनने के बाद अपनी पार्टी कांग्रेस को मजबूत करने की दिशा में कदम उठाए। राजीव ने भारत को 21वीं सदी में ले जाने का सपना ही नहीं देखा इस दिशा में अथक प्रयास किए। देश में नई-नई तकनीकों को अपनाने पर जोर दिया। भारत में ‘कम्प्यूटर’ का प्रवेश उन्हीं की प्रेरणा से हुआ। विकास का कारवाँ यहीं नहीं रुका, भारत ने कम्प्यूटरों का निर्माण शुरू कर दिया और श्रेष्ठ गुणवत्ता के कारण उनका निर्यात भी होने लगा ।
राजीव देश को एक विकसित और अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी से युक्त देश बनाने में जुटे रहे। युवा राजीव ने देश के युवाओं को बड़ी भारी प्रेरणा दी। उन्होंने देश की युवा पीढ़ी के सोच को विकसित किया। देश के युवाओं के वे प्रेरणादीप बन गए थे।
माँ इन्दिरा के ‘गरीबी हटाओ’ कार्यक्रम की दिशा में भी उन्होंने कदम बढ़ाए। पिछड़े क्षेत्रों के विकास की दिशा में भी खूब काम किया।
राजीव शांति के समर्थक थे। उन्होंने पड़ोसी देशों सहित अन्य सभी देशों से अपने सम्बन्ध मधुर बनाने के प्रयास किए। उन्होंने पाकिस्तान की प्रधानमंत्री श्रीमती भुट्टो व श्रीलंका के प्रधानमंत्री से व्यक्तिगत रूप से मिलकर आपसी तनाव को दूर करने का प्रयास किया।
सन् 1985 में संयुक्त राष्ट्र समारोह में राजीव को ‘युद्ध से दूर’ अर्थात् ‘बिऑन्ड वार’ एवार्ड देकर सम्मानित किया गया। इसी प्रकार निकारागुआ के राष्ट्रपति डेनियन ओटेंगा ने 10 सितम्बर, 1986 को अपने देश का सर्वोच्च पुरस्कार ‘दी अगस्टो सीजर सैन्डिनो आर्डर’ प्रदान कर सम्मानित किया। इस कार्य के लिए राष्ट्रपति ओटेंगा स्वयं दिल्ली आए थे।
देश में चुनावों के मद्देनजर राजीव पूरे देश का दौरा कर रहे थे। 21 मई, 1991 को उनकी विशाल आमसभा दक्षिण भारत के पैराम्बदूर में रखी गई थी। यहीं पर लिट्टे पार्टी के आत्मघाती दस्ते के लोगों ने उनकी हत्या कर दी। अपने युवा, साहसी और देश के विकास के लिए समर्पित प्रधानमंत्री को खोकर देश स्तब्ध रह गया। राजीव ने भी अपनी माता इंदिरा गांधी की तरह देश की खातिर अपना बलिदान दे दिया।
राजीव ने देश में ऊर्जा के विकास की दिशा में जो महत्वपूर्ण पहल जाने लगा । की उसी के कारण उनके जन्मदिन को ‘अक्षय ऊर्जा दिवस’ के रूप में मनाया
देश के इस महान सपूत को कृतज्ञ राष्ट्र ने 17 जून, 1991 को “भारत रत्न’ से सम्मानित किया। यह सम्मान उन्हें मरणोपरान्त दिया गया।
कैसे मनाएँ राजीव गांधी जयन्ती (How to celebrate Rajiv Gandhi Jayanti)
- राजीव गांधी की तस्वीर लगाएँ ।
- माल्यार्पण करें।
- राजीव उत्साही, लगनशील, अनुशासित नेता थे। उन्होंने सदा देश को सर्वोपरि रखा। वे गरीबों के मददगार थे। उनमें किसी प्रकार का घमंड नहीं था। उनके इन्हीं मानवीय गुणों से बच्चों को अवगत कराया जाए। बच्चों को समझाया जाए कि मानवीय गुणों से ही आदमी महान बनता है।
- बच्चे तकनीकी शिक्षा की ओर आकर्षित हों इसलिए उन्हें इसके लाभ बताएँ। आधुनिक तकनीकों का बच्चों को ज्ञान कराएँ।
- भारत का विकास कैसे हो? इस विषय पर बच्चों में चर्चागोष्ठी रखी जाए।
- ऊर्जा संरक्षण के बारे में बच्चों को बताया जाए। ऊर्जा नष्ट करने से देश को होने वाली हानियों से भी बच्चों को अवगत कराया जाए।
- ऊर्जा कैसे बचाई जाए इस विषय पर निबंध प्रतियोगिता रखी जाए।
- ऊर्जा के घरेलू उपयोग बिजली, गैस व ईंधन की बचत कैसे की जाए, सचित्र पोस्टर बनाकर लगाए जाएँ।