प्रशासन में बढ़ता भ्रष्टाचार
Prashasan mein Badhte Bhrashatachar
व्यक्ति का आचारण और व्यवहार बताता है कि यह किस प्रकार का है। वह कर्त्तव्यनिष्ठ, सत्यप्रिय, सहानुभूतिसंपन्न, उदार और परोपकारी होना चाहिए। इसके प्रतिकूल आचरण करने वाला भ्रष्टाचारी कहलाता है। अष्टाचारी आज निजी तंत्र और सरकारी तंत्र दोनों में कार्यरत हैं। देश में प्रशासनिक भ्रष्टाचार चरम पर है। जनता का कोई भी काम सरकारी दफ्तरों में बिना रिश्वत के नहीं होता। सरकारी कर्मचारी बहुत शान से कहते है, ‘काम तो आपका हो जाएगा पर सुविधा शुल्क देनी होगी। अधिकांश प्रशासनिक कर्मचारी कुछ ही सालों में लखपति-करोड़पति हो जाते हैं। कोई दिन ऐसा नहीं जाता जिस दिन भ्रष्टाचार का राग नहीं खुलता। सरकारी कार्यालय में काम करने वाले कर्मचारी स्वयं भी भ्रष्टाचार करते हैं और राजनेताओं के कहने से भी करते हैं। कितने ही नेता व प्रशासनिक अधिकारी घोटालों में फंसते दिखाई दे रहे हैं। कई राजनेता जेलों में हैं, कुछ जेल से बाहर आ गए हैं पर उन पर भ्रष्टाचार के मुकदमे आज भी दर्ग हैं। राजनीतिक दल के नेता लालू यादव अगर चारा घोटाला के कारण अब जेल से बाहर हैं तो हरियाणा के विख्यात राजनेता ओमप्रकाश चौटाला अब भी जेल में हैं। जयललिता भी जेल काटकर आ चुकी है। सुरेश कलमाड़ी का नाम भी भ्रष्टचार में आ चुका है। भ्रष्टाचार के आरोप में वर्तमान महाराष्ट्र सरकार के मंत्री खड़के को अपनी सरकार से इस्तीफा देना पड़ा है। पिछले कुछ वर्षों में चारा घोटाला, राष्ट्रमण्डल खेल घोटाला, टू जी स्पेक्ट्रम घोटाला, कोयला घोटाला आदि के कारण राष्ट्र को अरबों रुपए की सम्पत्ति की हानि हुई। व्यापम घोटाला और हेलीकॉप्टर घोटाला नया प्रकाश में आया है। सरकारी कर्मचारी के बड़े अफसर लगातार भ्रष्टाचार करते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार हो रहे हैं। एक साधारण सिपाही कुछ सालों में आलीशान बंगला बनवा लेता है जबकि इस समय उसकी तनख्वाह पन्द्रह-बीस हजार रुपए से अधिक न होगी। भ्रष्टाचार की हद तो यह है कि भ्रष्टाचारी रिश्वत लेते हुए पकड़ा जाता है और रिश्वत देकर बरी हो जाता है। भ्रष्टाचार विष-वृक्ष निरंतर फैलता जा रहा है। समाज को खोखला करता रहा है। भ्रष्टाचारियों के खिलाफ ईमानदार छवि वाले नेता जबरदस्त प्रदर्शन करते हैं. कुछ समय तक सरकारी प्रशासन उनकी सीख याद रखता है फिर पहले जैसा हो जाता है। जब तक प्रशासन से प्रष्टाचार समाप्त न होगा तब तक साधारण जनता से भ्रष्टाचार खत्म नहीं किया जा सकता। वर्तमान सरकार भ्रष्टाचार दर करने के प्रयास अपने स्तर पर कर रही है। कई जगह स्मार्ट कार्ड प्रणाली चली है। इससे प्रशासनिक भ्रष्टाचार खत्म होने में मदद मिलेगी। साथ ही कई विभाग बंद कर दिए गए हैं। उनके स्थान पर ऑन लाइन काम शुरू कर दिए हैं। इससे भी प्रशासनिक भ्रष्टाचार से मुक्ति मिलेगी।