जनसंख्या की समस्या
Population Problem
किसी देश में जितने लोग रहते हैं उसे उस देश की जनसंख्या कहते है। जब किसी देश की जनसंख्या आवश्यकता से कम या अधिक हो जाती है। तब यह एक समस्या का रूप ले लेती है। हमारे देश में जनसंख्या की अधिकता की स्थिति है । यह स्थिति हमारे लिए एक समस्या बन चुकी है । यह समस्या दिनों-दिन गंभीर होती चली जा रही है।
जनसंख्या की दृष्टि से भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है । दुनिया का हर सातवाँ व्यक्ति भारतीय है। जनसंख्या में केवल चीन ही हमसे बड़ा है । लेकिन भारत की जनसंख्या चीन के मुकाबले अधिक तेजी से बढ़ रही है । अत: खतरा यह है कि अगले बीस वर्षों में भारत की जनसंख्या चीन को पार कर जाएगी। यह स्थिति और भी खतरनाक होगी । जनसंख्या में इतनी तेजी से हो रही वृद्धि को जनसंख्या-विस्फोट के नाम से जाना जाता है।
आजादी से पहले भारत की जनसंख्या मात्र पच्चीस करोड़ थी। आज हमारी जनसंख्या लगभग एक सौ दस करोड़ है । अर्थात् भारत की जनसंख्या में तब से लेकर अब तक लगभग पाँच गुना वृद्धि हुई है । फिर भी भारत के लोग पहले से कहीं अधिक खुशहाल हैं । इसका अर्थ यह हुआ कि यदि भारत की जनसंख्या संतुलित होती तो आज यह दुनिया का सबसे विकसित और खुशहाल देश होता । भारत में गरीबी, बेरोजगारी, भुखमरी, अशिक्षा जैसी समस्याओं का नामोनिशान तक नहीं होता । लेकिन जनसंख्या में तेज गति से हुई वृद्धि के कारण भारत में अनेक प्रकार की समस्याओं का विस्तार हो गया है । यह स्थिति सचमुच बहुत चिंताजनक है।
जनसंख्या वृद्धि का प्राकृतिक संसाधनों पर बहुत बुरा असर पड़ता है। भूमि, जल, वन, वायु आदि या तो दूषित होने लगती है या इनका अभाव होने लगता है । किसानों के हिस्से की भूमि छोटी होती जाती है । जल की प्रति व्यक्ति उपलब्धता में कमी आती जाती है । भूमि, लकड़ी तथा अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए वनों का तेजी से कटाव होने लगता है। मनुष्य की बढ़ती गतिविधियों के कारण जल और वायु का प्रदूषण बढ़ने लगता है । पर्यावरण में असंतुलन उत्पन्न हो जाता है । शहरों में आबादी दिनों-दिन बढ़ती जाती है । यहाँ बहुत से लोग गंदी बस्तियों में रहने के लिए विवश हो जाते हैं।
हमारी सभी प्रमुख समस्याएँ जनसंख्या-विस्फोट की देन हैं । रोजगार कम हैं इसलिए बेरोजगारों की संख्या अधिक है। एक सौ पद के एक ला दावेदार हैं । बेरोजगारी गरीबी और कुपोषण की समस्या को जन्म देती है। शिक्षा और स्वास्थ्य की स्थिति भी अच्छी नहीं कही जा सकती है । गरीबी के कारण बहुत से लोग अपने बच्चों को शिक्षा नहीं दिला पा रहे हैं । गरीब लोग बीमारी का उचित इलाज न करा पाने के कारण असमय ही मर जाते हैं । गाँवों में स्वास्थ्य सुविधाओं की भारी कमी है । इस तरह हमारी बहुत सी समस्याओं का मुख्य कारण जनसंख्या में तेज गति से होने वाली वृद्धि है।
जनसंख्या की समस्या का हल आदमी की बुद्धि में छिपा हुआ है। इसलिए सर्वप्रथम जरूरी यह है कि देश का प्रत्येक नागरिक इस गंभीर स्थिति को समझे । परिवार को छोटा रखने की जिम्मेदारी हम सबकी है । इस संबंध में देश के सभी नागरिकों में चेतना लाने का प्रयास करना चाहिए । शिक्षा का प्रचार-प्रसार इसके लिए सबसे कारगर कदम सिद्ध हो सकता है । परिवार का छोटा आकार, हमारी खुशहाली का प्रमुख आधार बन सकता है । अत: हमें बुद्धिमानी से काम लेना होगा।