प्रदूषित यमुना नदी
Polluted Yamuna River
बहुत कम लोग जानते हैं कि पेय जल के मामले में भारत विश्व में सबसे संपन्न देश है लेकिन दुनिया यह भी जानती है कि प्रदूषण में भी यह देश नंबर एक ही है। दिल्ली की लाइफ लाइन यमुना है। यह दिन ब दिन प्रदूषित होती जा रही है। दिल्ली में विकास के नाम पर तेजी से हो रहा औद्योगीकरण, स्पीड के साथ बढ़ती जनसंख्या, नई-नई कालोनियाँ, बड़े-बड़े, कई-कई मंजिल मकान, सभी के सभी स्वयं प्रदूषित हो रहे हैं। दिल्ली में पीने वाले पानी का तो जबरदस्त अभाव है। यमुना पुल से गुजरने वाले देख सकते हैं कि यह दूर-दूर तक काली है। यमुना में जल जन्तु भी सुरक्षित नहीं हैं। अधिकतर मर चुके हैं। पानी में पॉलेथिन, प्लास्टिक और भारी मात्रा में धातु फेंका जा रहा है। पानी में रहने वाले जीव इन्हें निगल जाते हैं और मर जाते हैं। उनके कारण गदला और बदबूदार पानी पीकर दिल्ली वासी मर रहे हैं। यमुना में गाद भरी है। मल मूत्र, सीवरेज का पानी, नगर का कचरा, औद्योगिक अपशिष्ट से गंदा कर रहे हैं। जो पर्यटक इसमें नहा लेता है वह रोगी होकर लौटता है। यमुना के प्रदूषण की रोकथाम के लिए दिल्ली सरकार ने एक व्यापक परियोजना शुरू की है ताकि यमुना की विरासत को अक्षुण्ण रखा जा सके। दिल्ली जल बोर्ड प्रदूषण की जाँच करेगा, यमुना नदी में स्वच्छ जल उपलब्ध कराएगा। सीवर आदि के गंदे पानी को शोधित करके यमुना में प्रवाहित किया जाएगा। हो सकता है कि दिल्ली सरकार का यह प्रयास रंग लाए किंतु अभी तो यहाँ के निवासी गदला पानी पीने को मजबूर हैं।