पिताजी को कुशलता का पत्र
महर्षि विद्या मंदिर,
जबलपुर
8 जनवरी 2008
पूज्य पिताजी,
सादर चरण स्पर्श।
आपका पत्र प्राप्त हुआ। पढ़कर प्रसन्नता हुई। मैं छ:माही परीक्षा में व्यस्त थी. इसलिए पत्रोत्तर भेजने में विलम्ब हुआ। कृपया क्षमा करें। मेरा अध्ययन कार्य विधिवत चल रहा है। छःमाही परीक्षा में मेरे सभी प्रश्न-पत्र संतोषप्रद रहे हैं। आशा है, मैं इस परीक्षा में अच्छे अंकों से उत्तीर्ण होऊँगी। पूज्य माताजी को मेरा प्रणाम कहिये एवं प्रिय अनुज मुकुल को शुभाशीष।
शेष शुभ।
आपकी आज्ञाकारिणी पुत्री
स्वाति