कामकाजी नारी के समक्ष चुनौती Kamkaji Nari ke samaksh Chunoutiya एक नहीं दो-दो मात्राएँ, नर से बढ़कर ‘नारी’। आज नारी केवल दो-दो मात्राओं का ही बोझ वहन नहीं कर …
दिनों दिन बढ़ती महँगाई Dino Din badhti Mahangai आज भारत केवल एक ही भीषण समस्या से जूझ रहा है और वह है, महँगाई महँगाई मूल्यों में निरंतर वृदधि उत्पादन …
साँच बराबर तप नहीं Sanch barabar tap nahi ‘साँच बराबर तप नहीं’ सूक्ति में सत्य के महत्त्व को स्वीकारा गया है। सच के मार्ग पर चलना अपने आप में …
प्रकृति और मानव Prakriti aur Manav विज्ञान जिस प्रकार प्रगति कर रहा है, उसी के दुष्परिणाम स्वरूप हमारी प्रकृति दूषित होती जा रही है। चारों ओर वाहनों का बढ़ता …
स्वतंत्रता का महत्त्व Swatantrata ka Mahatva निबंध नंबर :- 01 पराधीन व्यक्ति कभी सपने में भी सुख प्राप्त नहीं कर सकता। यदि पराधीनता सबसे बड़ा दुख है तो स्वतंत्रता …
पढ़ने का आनंद Padhne Ka Anand वर्तमान समय में संचार माध्यमों का बोलबाला है। युवा पीढ़ी इन्हीं संचार माध्यमों की गुलाम बनी हुई और धीरे-धीरे किताबों से दूर होती …
मेरा प्रिय खेल Mera Priya Khel खेलों से मानव का जीवन फूलों सा कुसुमित होता। शारीरिक-संपदा-विकासक, मानस तुझसे हर्षित होता।। आज हम जिसे समग्र व्यक्तित्व कहते हैं उसका विकास …
समाचार-पत्र Samachar Patra निबंध नंबर :- 01 मानव स्वभाव से जिज्ञासु है। वह जिस समाज में रहता है, उसकी पूरी जानकारी चाहता है। इस बहाने वह शेष नया से …
बिना विचारे जो करे सो पाछे पछताए Bina vichare jo kare so pache pachtaye मनुष्य विवेकशील प्राणी है। वह जो भी कार्य करता है उसे सोच-समझकर करता है, क्योंकि …
संयुक्त परिवार Sanyukt Parivar पिछले कई दशकों से हमारे सामाजिक और पारिवारिक ढाँचे में बहुत परिवर्तन हुए हैं। संयुक्त परिवार के स्थान पर ‘छोय परिवार सुखी परिवार’ के नारे …