मेरा परिवार
My Family
सामाजिक जीवन में परिवार का बहुत महत्त्व है। परिवार समाज की एक मजबूत इकाई होती है। परिवार में रहकर हमारा लालन-पालन होता है । हमें अच्छे या बुरे संस्कार मिलते हैं । इन्हीं संस्कारों पर हमारा परा न टिका होता है । मुझे बहुत खुशी है कि परिवार में रहकर मुझे अच्छे संस्कार मिले हैं।
मेरा परिवार मध्यम आकार का है । इसमें सात सदस्य हैं । इसके सदस्य हैं – दादा-दादी, माँ-पिताजी, हम दो भाई और एक बहन । दादा जी परिवार के मुखिया हैं । परिवार के महत्त्वपूर्ण फैसलों में उनका सबसे अधिक दखेल रहता है । परिवार के अन्य सदस्य उनकी इच्छा का पूरा सम्मान करते हैं। हम भाई-बहनों में बहन सबसे बड़ी है । वह दसवीं कक्षा में पढ़ती है। मैं परिवार का सबसे छोटा सदस्य हूँ। भाई आठवीं कक्षा में पढ़ता है । पिताजी एक सरकारी बैंक में अधिकारी हैं । मेरी माँ गहिणी हैं । दादा जी भारतीय वायु-सेना में थे । वे रिटायर वे गए हैं । इस प्रकार मेरा परिवार एक शिक्षित मध्यवर्गीय परिवार है।
मेरे परिवार की विशेषता है – अनुशासन और मर्यादा में बँधा आचरण । परिवार को अनुशासित रखने में दादा जी का फौज में होना बहुत काम आया । दादा जी का प्रभाव पिताजी तथा परिवार के अन्य सदस्यों पर 27 पड़ा । नतीजे में सभी समय की पाबंदी करने लगे। इससे हम भाई-बहन पढ़ाई और खेल दोनों में आगे रहने लगे । समय की पाबंदी स्वास्थ्य पर भी अच्छा असर डालती है। यही कारण है कि मेरे परिवार के सभी सदस्यों का स्वास्थ्य उत्तम है।
परिवार का सबसे छोटा सदस्य होने के कारण मैं सबों का दुलारा है। मैं छठी कक्षा में पढ़ता हूँ । पढ़ाई और खेल दोनों में आगे रहता हूँ । दादा जी हमें रोज पढाते हैं । दादी जी अक्सर हमें रामायण और महाभारत की । कहानियाँ सनाती हैं । दादी जी और माँ दोनों के विचार आपस में मिलते हैं। दोनों धार्मिक विचारों की हैं । उनके बीच माँ-बेटी जैसा संबंध है । यही कारण है कि मेरे परिवार में शांति और समृद्धि का वास है । पड़ोसी मेरे परिवार की सुख-शांति को देखकर तारीफ किए बिना नहीं रहते । उनकी दृष्टि में हमारा परिवार एक आदर्श परिवार है।
मेरे पिताजी ने एम. ए. तक शिक्षा पाई है। उन्होंने मेहनत करके बैंक की नौकरी हासिल की । वे उदार हृदय के हैं। दूसरों को तकलीफ में देखकर तुरंत पिघल जाते हैं । समय-समय पर मित्रों और सगे-संबंधियों की सहायता करते हैं । इस कारण सभी उनसे खुश रहते हैं । परन्तु उनकी अत्यधिक उदारता दादा जी को पसंद नहीं है । पर दादा जी चाहकर भी पिताजी का मूल स्वभाव बदलने में समर्थ नहीं हो सके हैं । लेकिन परिवार के अन्य सदस्य पिताजी की उदारता की सराहना करते हैं।
मेरे परिवार की सबसे शक्तिशाली डोर मेरी माँ हैं । वे पूरे घर का काम-काज सँभालती हैं । हमें स्कूल के लिए तैयार करती हैं । परिवार के लिए खाना पकाती हैं । घर की चीज़ों को व्यवस्थित करके रखती हैं तथा मेहमानों का पूरा ख़याल रखती हैं । उनके प्रयत्नों से परिवार का हर काम ठीक समय पर होता है । उनके बीमार पड़ने या कहीं चले जाने पर घर का ‘टाइम टेबल’ गड़बड़ा जाता है।
इस प्रकार मेरा परिवार लगभग स्वर्ग जैसा है । परिवार का वातावरण सुखद और शांतिपूर्ण है । बुजुर्गों को यहाँ पूरा सम्मान और छोटों को पूरा प्यार मिलता है । मुझे अपने परिवार पर गर्व है।