महिलाओं के विरुद्ध बढ़ते अपराध
Mahilao Ke Virudh Badhte Apradh
इन दिनों महिलाओं पर अपराधों की लगातार बढ़ोतरी हो रही है। महिलाओं को कमजोर समझकर पुरुष वर्ग उन पर तरह-तरह के अत्याचार ढा रहा है। ये अपराध कई प्रकार के हैं। कुछ दहेज प्रथा को लेकर हैं। जब वर पक्ष विवाह तय करता है तब कहता है कि उसे कुछ नहीं चाहिए केवल बहू चाहिए। जब बहू घर आ जाती है तब उस पर कार, मकान और नकदी लाने पर जोर दिया जाता है और न लाने पर सताया जाता है। कुछ को इस कारण मार दिया जाता है। कुछ युवतियों व महिलाओं का शादी का झांसा देकर यौवन शोषण किया जाता है, बाद में शादी से इंकार कर दिया जाता है। अपराध का एक तरीका राह चलती महिलाओं से छेड़-छाड़ है। अपराधियों के हौसले इतने बढ़ गए हैं कि सड़क से खींचकर या घरों में घुसकर बलात्कार कर जाते हैं। उन पर घरेल हिंसा भी की जाती है और कामकाज की जगह पर शारीरिक शोषण भी। चैन खींचकर भागना तो आम हो गया है। इन अपराधों के बढ़ने का सबसे बड़ा कारण यह है कि अपराधियों को सख्त सजा नहीं मिलती। अगर कड़ी सजा मिले तो अपराधों से काफी हद तक छुटकारा मिल सकता है।