महानगरों में आवास की समस्या
Mahanagro mein Awas Ki Samasya
जैसे जैसे देश में आबादी बढ़ रही है वैसे-वैसे महानगरों में आवास की समस्या बढ़ती जा रही है। मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, अहमदाबाद जैसे ऐसे महानगर हैं जो औद्योगिक दृष्टि से पर्याप्त विकसित हैं। परिणामतः इन क्षेत्रों में ग्रामों से परिवार आकर बसने लगे हैं। महानगर तो पहले ही शहरियों के लिए आवास समस्या जटाने में नाकाम होता जा रहा था, तिस पर गाँवों की ओर से आने वाली आबादी ने महानगरों में आवास की समस्या पैदा कर दी है। हालांकि महानगर फ्लैट संस्कृति विकसित कर आवास की समस्या दूर करने में लगा है तथापि यह निरंतर विकट होती जा रही है। हालत यह है कि एक-एक कमरे में दस-दस लोग रहे हैं। सुबह, नहाने, शौच की परेशानी उन्हें होती है। इसके अतिरिक्त आने-जाने में भी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। जैसे-जैसे महानगरों में आवास की समस्या बढ़ती जा रही है वैसे-वैसे वे लगातार महंगे भी होते जा रहे हैं। कहीं-कहीं तो हालात इतने खराब हैं कि जितनी तनख्वाह मिलती है उससे ज्यादा का रहने को घर मिलता है। महानगरों में आवास की समस्या हल करने का सबसे बेहतर तरीका यह है कि गाँवों में शहरों जैसी सुविधा मुहैया कराए। तब जाकर महानगरों में आवास की समस्या कम की जा सकती है।