महानगरों का जीवन
Life in Big Cities
महानगर आधुनिक शहरी सभ्यता के बडे केन्द्र है। यहाँ का जीवन व्यस्त और हलचलों से युक्त होता है । हर कोई अपने काम में व्यस्त दिखाई देता है। गोष्ठियाँ और सभाएँ होती ही रहती हैं। यहाँ आधुनिक सुख-सुविधाओं की कमी नहीं होती । धनी लोग इसका लाभ उठाते हैं । वे बड़ी-बड़ी कोठियों या बहुमंजिली इमारतों में रहते हैं। गरीबों के दिन कठिनाई से गुजरते हैं। उन्हें झुग्गी-झोपड़ियों में शरण लेनी पड़ती है । यातायात के लिए यहाँ सभी आधुनिक सुविधाएँ मौजूद होती हैं । व्यापार की गतिविधियों के कारण लाखों लोगों का रोजगार प्राप्त होता है। छोटे-छोटे स्तर पर होने वाले काम-धंधों से भी बहुत से लोगों की रोजी-रोटी चलती है। महानगरों के बाजारों, सपर बाजारों और माल्स में काफी चमक-दमक हाता है । यहाँ के जनजीवन में मशीनों का बहुत बड़ा योगदान होता है। मशीनीकरण आधुनिकता, प्रदूषण, तड़क-भड़क आदि महानगरों की आम विशेषताएँ हैं।