Ladkiyon Ki Shiksha “लड़कियों की शिक्षा” Latest Hindi Essay, Paragraph, Speech for Class 9, 10, 12 and Graduation Examination.

लड़कियों की शिक्षा

Ladkiyon Ki Shiksha

लड़कियों की शिक्षा का हमारे देश में अत्यंत महत्त्व है। आज भी हमारे देश में लड़के और लड़कियों में भेदभाव किया जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में तो लड़कियों की स्थिति शोचनीय होती है।

आज समय तेजी से बदल रहा है। पुरुषों के बराबर स्त्रियों की भी शिक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है। सरकार द्वारा ऐसी अनेक योजनाएँ चलायी जा रही हैं, जिससे बालिकाओं के लिए निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था की जा सके। लोगों में जागरूकता फैलाने का काम स्वयंसेवी संस्थाएँ कर रही हैं।

शिक्षा के द्वारा ही मनुष्य विनम्रता, उदारता और सहनशीलता जैसे महान गुणों को सीखता है। आज लड़कियों को शिक्षा की विशेष आवश्यकता है।

बालिका, जिसके जन्म पर घर में कोई प्रसन्न नहीं होता, जो जीवन भर सामाजिक कुरीतियों, भेदभाव, प्रताड़ना, उत्पीड़न, कुपोषण और शोषण का शिकार होती रहती हैं, ऐसी बालिका के लिए शिक्षा ही एक ऐसा औजार बन सकता है, जो न केवल उसे उसके नैतिक, सामाजिक और शैक्षणिक अधिकार दिलाएगी, बल्कि उसे जीवन में आने वाली कठिनाइयों के सामने एक सशक्त महिला के रूप में खड़ा करेगा, अतः बालिका के साथ शिक्षा के संबंध को नकारा नहीं जा सकता।

बालिका के लिए शिक्षा की अत्यन्त आवश्यकता है, स्त्रियों का परिवार समाज व राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान है, बालिकाओं पर ही किसी भी देश का भविष्य निर्भर करता है क्योंकि बालिकाएँ आगे चलकर माँ बनती हैं और माँ किसी भी परिवार की केन्द्रीय इकाई होती हैं, यदि माँ को शिक्षा प्राप्त नहीं होती है और वह बचपन से ही पोषण व अज्ञानता की शिकार हैं, तो वह एक स्वस्थ शिक्षित परिवार व उत्रत समाज को जन्म देने में विफल रहेगी। अतः बालिका के लिए शिक्षा नितांत. आवश्यक है। आज बालिका शिक्षा को राष्ट्रीय आवश्यकता समझकर जोर दिया जा रहा है। परिणामतः बालिकाओं की स्थिति में सुधार हुआ है। आज बालिकाएँ, बालकों से किसी क्षेत्र में कम नहीं है, वे आज के प्रतियोगी युग में तेजी से आगे बढ़ रही हैं। इसलिए इस कार्य के लिए माता-पिता का सहयोगी होना अत्यन्त आवश्यक है। उन्हें चाहिए कि लड़के व लड़कियों में भेदभाव न करें। बल्कि उन्हें इस कार्य का श्रीगणेश अपने-अपने घरों में ही करना चाहिए। जिससे हमारे देश में अशिक्षा का सूरज डूबेगा व उन्नत, विकसित, शिक्षित व सम्पन्न देश के नए सूरज का उदय होगा।

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