किसी पुस्तक की समीक्षा
Kisi Pustak Ki Samiksha
पिछले हफ्ते युवा कथाकार राजेश विहार का नया यात्रावृत्तांत प्रकाशित हुआ। पुस्तक का नाम ‘चलते चलते’ है। चलते-चलते में दस यात्रावृत्तांत हैं। ये श्रीनगर, शिमला, देहरादून, केदारनाथ धाम जैसे स्थानों पर लिखे गए हैं। इसमें दो राय नहीं कि लेखक ने इसमें यात्रास्थलों की रोचक ही जानकारी नहीं दी है अपितु उसे सीधी और सपाट भाषा में भी लिखा है। यह बात अलग है कि इसमें लेखक ने कहीं-कहीं व्याकरण का ध्यान नहीं रखा है। क्योंकि लेखक स्वयं पर्वतीय प्रदेश का निवासी है इसलिए प्रत्येक यात्रा वर्णन प्रकृति के रमणीय चित्रण के साथ आरंभ हुआ है और समापन भी इसी तरह। श्रीनगर और शिमला का यात्रावृत्तांत अन्य यात्रावृत्तांतों से लंबा अवश्य हो गया है पर उसमें उबकाऊपन नहीं नज़र आता। केदारनाथ के यात्रावृत्तांत में जहाँ लेखक की धार्मिक आस्था उभरकर आई है वहीं चंबा पर लिखा गया यात्रावृत्तांत सामाजिकता भी उभार कर रख देता है। कुल मिलाकर पाठक इस यात्रावृत्तांत से निराश न होंगे। प्रश्न 7. ‘महानगरों में आवास की समस्या’ विषय पर लगभग 150 शब्दों फीचर में लिखिए।