किसी कहानी की समीक्षा
Kisi Kahani Ki Samiksha
अभी-अभी अमन प्रकाशन, कानपुर से हरीश पाठक की चुनी हुई कहानियों का संकलन प्रकाशित हुआ है। हरीश पाठक ऐसे कथाकार हैं जिनकी पहचान मानव जीवन व इंसानी संबंधों की सूक्ष्म पहचान व विना लागू-लपेट के सीधी बात कहने की है। पत्रकारिता में लंबा जीवन बिताने के कारण जीवन के तमाम हिस्सों पर उनकी पकड़ रही है और बेचैन करने वाली भी है। इस संग्रह की कहानियों को पढ़कर यह कहा जा सकता है कि उनकी कहानियों में विषयवस्तु पूरी संजीदगी के साथ शशंकता है। हर कहानी हम एक नया अनुभव येती प्रतीत होती है। कहानी जो एक बैठक में पढ़ ली जानी चाहिए. यह विशेषता हमें उनकी कहानियों में मिलती है। मगर यह भी सच है कि ये कहानियाँ पहले विभिन्न स्थानों पर प्रकाशित हो चुकी हैं। यहाँ तो प्रकाशित कहानियों का चयन कर पाठक के समक्ष परोसने की कवायदभर की गई है। बहरहाल अगर पाठक इन कहानियों को पढ़ेंगे तो उन्हें निराश न होना पड़ेगा क्योंकि कहानियों में एक संतुलित और सूक्ष्म दृष्टि को आयत देखा जा सकता है।