Kisan ki Atmakatha “किसान की आत्मकथा” Essay in Hindi, Best Essay, Paragraph for Class 8, 9, 10, 12 Students.

किसान की आत्मकथा

Kisan ki Atmakatha

 

 किसान खेती का काम करते हैं । इस कार्य में किसानों को बहुत श्रम करना पडता है । किसानों के श्रम से देश की जनता को भोजन प्राप्त होता के किसान अनाज, फल, सब्जियों आदि का उत्पादन करके देश के विकास में बहुत योगदान देते हैं।

किसान खेतों में काम करते हैं । फसल उगाने के लिए सबसे पहले मिटटी तैयार करनी पड़ती है। मिट्टी में गोबर आदि खाद डाला जाता है। नमी वाली तैयार मिट्टी में बीज बोया जाता है । बीज से पौधे निकलते हैं । पौधों की समय-समय पर सिंचाई करनी पड़ती है । पौधों से अधिक उपज प्राप्त करने के लिए उनमें कृत्रिम उर्वरक डाला जाता है । कीटों से बचाने के लिए उनमें कीटानाशकों का छिड़काव करना पड़ता है । खेतों से खर-पतवार निकालने पड़ते हैं । लम्बी देखभाल के बाद फसल पक कर तैयार होती है । पकी फसल को काटकर खलिहानों में इकट्ठा किया जाता है । यहाँ फसल से अनाज आदि के दाने निकाले जाते हैं । इस प्रकार किसानों को फसल प्राप्त करने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है।

किसानों का जीवन सीधा-सादा होता है । वे प्रकृति के निकट रहकर अपना जीवन बिताते हैं । हल-बैल उनके मित्र होते हैं । आधुनिक किसान ट्रैक्टर को अपना मित्र मानते हैं । खेतिहर मजदूर उनके सहयोगी होते हैं । किसान मेहनत की कमाई खाते हैं । रोटी, चावल, हरी-ताजी सब्जी, दूध, दही आदि किसानों का प्रिय भोजन है । वे सुबह उठकर अपने खेतों में काम करने जाते हैं । दोपहर को वे घर लौटते हैं और भोजन करते हैं । थोड़ी देर वि ाम के बाद वे फिर से खेतों में जाते हैं तथा शाम तक घर लौट आते हैं। इस समय वे पशुओं की देखभाल करते हैं । रात को वे खाना खाकर जल्दी सो जाते हैं । इस तरह वे व्यस्त जीवन जीते हैं।

वर्षा ऋतु किसानों को बहुत प्यारी होती है । इस ऋतु में उनकी फसल को पूरा पानी मिल जाता है । परन्तु बाढ़ या सूखे की स्थिति में किसानों की फसल बर्बाद हो जाती है। उनका श्रम और उनकी पँजी दोनों ने जाती है । अन्नदाता किसान खुद भूखे रह जाते हैं । वे ऋण में डूब जाते हैं। उन्हें फिर से ऋण लेकर खेती करनी पड़ती है । इस तरह किसान ऋण के जाल में फँस जाते हैं।

भारतीय किसानों की हालत पहले की तुलना में काफी अच्छी है। बहुत से किसान अमीर हो गए हैं । परन्तु छोटे किसानों की हालत अब भी खराब है । उन्हें खेती के काम में तरह-तरह की मुसीबतों का सामना करना पड़ता है । उनके पास अपना हल-बैल या ट्रैक्टर नहीं होता । वे दूसरों की जमीन पर किराए की खेती करते हैं । सरकार को ऐसे किसानों की पूरी मदद करनी चाहिए । उन्हें अच्छे बीज, सिंचाई के साधन, जमीन, कीटनाशक, रासायनिक खाद एवं कृषि यंत्र उपलब्ध कराना चाहिए । किसानों को खुशहाल बनाने के सभी जरूरी उपाय करने चाहिए । किसानों की खुशहाली में पूरे देश की खुशहाली है।

आज जबकि पूरी दुनिया में उद्योगों की धूम-धाम है, कुछ लोग खेती के कार्य को कम महत्त्व दे रहे हैं । लेकिन हमें याद रखना चाहिए कि खेती के बिना देश की उन्नति संभव नहीं है । मानव की शक्ति का एकमात्र स्रोत भोजन है । अत: खेत और किसानों की उपेक्षा करने से देश की प्रगति में बाधाएँ खड़ी हो सकती हैं।

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