जीवन में व्यायाम का महत्त्व
Jeevan me Vyayam Ka Mahatva
आत्मा को स्वस्थ और प्रसन्न रखने के लिए शरीर का स्वस्थ होना अनिवार्य है। स्वस्थ शरीर का आशय है-रोग-रहित शरीर। उसका सर्वोत्तम उपाय है-व्यायाम। शारीरिक खेल, दौड-कूद,नृत्य, श्रमपूर्ण कार्य, सैर आदि व्यायाम के ही विभिन्न प्रकार हैं। खेल व्यायाम का सबसे अच्छा और रुचिकर साधन है। हॉकी,फुटबाल, कबड़ी, खो-खो, क्रिकेट, बैडमिटन, टी-टी, लानटेनिस, घुड़सवारी, वॉलीबाल, बास्केट-बाल आदि खेलों की लंबी सूची है जिन्हें खेलने से शरीर का अंग-अंग स्फूर्ति पाता है।ओलंपिक या एशियाड खेलों की ओर ध्यान दें। इनमें दौड़, कूद, फेंक, शरीर-नियंत्रण तथा तैराकी से संबंधित अनेक प्रतियोगिताएँ होती हैं। इन सबका उद्देश्य व्यायाम को प्रोत्साहन देना है। स्वस्थ शरीर का महत्त्व मन, बुद्धि, आत्मा, धन, वैभव सबसे ऊपर है। ‘जान है तो जहान है।’ स्वास्थ्य से ही सब सांसारिक आनंदों के द्वार खुलते हैं।