Jaise Karoge Waisa Bharoge “जैसा करोगे वैसा भरोगे” Essay in Hindi, Best Essay, Paragraph for Class 8, 9, 10, 12 Students.

जैसा करोगे वैसा भरोगे

Jaise Karoge Waisa Bharoge

मनुष्य का अपने कर्म पर अधिकार है। वह कर्म के अधकार है। वह कर्म के अनुसार फल प्राप्त करता है। अच्छे कर्म करने पर उसे फल भी अच्छा मिलता है। बुरे कर्म का परिणाम बुरा होता है। कर्म करना बीज बोने के समान है। जैसा बीज होता है, वैसा ही पेड़ और वैसे ही फल होते हैं। एक कहावत है-बोया पेड़ बबूल  का तो आम कहाँ से खाए इसलिए बड़े-से-बड़े अपराधी अंततः बुरा मौत मरते है। जो बईमानी का धन  कमाते हैं, उनके बच्चे बेईमान और दुश्चरित्र बनते हैं। उनकी बुराई का परिणाम उन्हें मिल हो जाता है। एक छात्र परिश्रम की राह पर चलता है तो उसे सफलता तथा संतुष्टि का फल प्राप्त होता है। दूसरा छात्र नकल और छल का जीवन जीता है। उसे जीवन-भर चोरों, ठगों और धोखेबाजों के बीच रहना पड़ता है। दृष्ट लोगों के बीच जीना भी तो एक दंड है। अतः मनुष्य को पुण्य कर्म करने चाहिए। इसी से मन में सच्चा सुख जागता है, सच्ची शांति मिलती है।

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