आदर्श ग्राम
Ideal Village
भारत की अस्सी फीसद जनता गाँवों में बसती है। नरेन्द्र मोदी जब प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने 15 अगस्त, 2014 को लाल किले की प्राचीर से अपने प्रथम सम्बोधन में एक महत्त्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने अपने भाषण में एलान किया कि देश में ‘सांसद आदर्श ग्राम योजना लागू की जाएगी। प्रत्येक सांसद हर साल एक गाँव गोद लेगा। यह गाँव न तो सांसद का अपना गाँव होगा और न ही उसकी पत्नी का। वह गोद लिए गाँव को आदर्श गाँव बनाएगा। इन गांवों में सभी जन सुविधाएँ मुहैया कराई जाएँगी। पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा, बिजली पहुंचाई जाएगी। सड़के और स्कूल का निर्माण कराया जाएगा। हर घर में शौचालय बनवाए जाएंगे। इसके अतिरिक्त सामुदायिक सेवा, सफाई-स्वच्छता, महिला सम्मान, सशक्तिकरण, सामाजिक न्याय, शन्ति एवं सद्भाव बढ़ाने का लक्ष्य भी रखा जाएगा। इस योजना को शुरू हुए दो साल हो गए हैं। इस दिशा में काफी काम हो चुका है। गाँवों का कायाकल्प किया जा रहा है। आशा की जा सकती है कि 2019 तक देश के बहुत से गाँवों में मूलभूत सुविधाएँ हो जाएँगी। अभी तक किसी भी सरकार ने योजनाबद्ध तरीके से गाँव की उन्नति की ओर ध्यान नहीं दिया। यह पहली सरकार है जिसने इस दिशा में काफी काम किया है।