आप निधि हैं। आप गंगा छात्रावास के कमरा सं•173 चंडीगढ़ में रहते हैं। अपनी माँ को जल्दी ही प्रकाशित होने वाली कविता की सूचना देते हुए पत्र लिखिए।
निधि
173, गंगा छात्रावास
चंडीगढ़
13 मार्च, 2015
प्रिय माता जी
सादर नमस्कार!
आशा है कि आप प्रसन्न और स्वस्थ होंगी। आपको यह समाचार देते हुए मुझे खुशी हो रही है कि मेरी एक कविता ‘माँ’ हरिगंधा नामक पत्रिका में छपने जा रही है। जब से मुझे यह समाचार मिला है, मैं बहुत खुश हूँ। इसलिए सबसे पहले आपको पत्र लिखकर बता रही हूँ।
माँ! मुझे आशीर्वाद दें कि मैं अच्छी-अच्छी कविताएँ लिख सकूँ।
आपकी लाड़ली
निधि