Hostel me chote bhai ke bimar hone that Mitra dwara Chote bhai ke seva kar use swasth karne par dhanyavad patra, “हास्टल मे छोटे भाई के बीमार होने पर तथा उसके ठीक होने पर मित्र को धन्यवाद पत्र”

मुदित का भाई प्रमुदित छात्रावास में अचानक बीमार हो गया था। उसे उसके मित्र शशांक ने चिकित्सालय में दवा दिलवाई तथा उसकी सेवा करके स्वस्थ कर दिया। अपने को मुदित मान कर शशांक को धन्यवाद-पत्र लिखिए।

 

मुदित

145, गीता कॉलोनी

दिल्ली

दिनांक :4 अगस्त, 2014

प्रिय शशांक

स्नेह!

मैं तुम्हारा हृदय से आभारी हूँ कि तुमने मेरे छोटे भाई प्रमुदित की खब सेवा की। बीमारी के दिनों में आदमी को अपनों की बहुत याद आती है। तुमने उसे इस तरह सहारा दिया कि उसने छात्रावास में खुद को अकेला नहीं महसूस किया।

शशांक! मैं तुम्हारा ऋणी हूँ। अब प्रमुदित भी तुम्हें अपना गहरा दोस्त और सच्चा साथी मानता है। आशा है, यह सद्भाव बनाए रखोगे। मुझे भी तुम अपना बड़ा भाई मानना। कभी किसी प्रकार का सुख-दुख हो तो मुझे याद करना न भूलना। पुनः एक बार तुम्हारे असीम स्नेह-सहयोग के लिए धन्यवाद!

तुम्हारा

मुदित

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