छात्रावास जीवन
Hostel Life
छात्रावास जीवन विद्यार्थियों के लिए मिले-जुले प्रभाव वाला होता है । छात्रावास में रहकर विद्यार्थियों को पढ़ने-लिखने का परा अवसर मिलता है। छात्रावास में रहकर वह अपने भरोसे जीना सीखता है। उसे बहुत से निर्णय खुद लेने पड़ते हैं। वह स्वावलंबी बनता है । घर के वातावरण से दूर रहने से उसे अपनी जिम्मेदारियों का अहसास होता है । वह अपनी मर्जी से खेलता, पढ़ता और आराम करता है । वह धन व्यय करने की कला सीखता है । उसे धन खर्च करने, बर्बाद करने या बचाने की पूरी स्वतंत्रता होती है । वह समूह में रहने के तौर-तरीकों को सीखता है । इससे उसके अंदर सहयोग की भावना उत्पन्न होती है। इन अच्छाइयों के अतिरिक्त छात्रावास जीवन की कुछ बुराइयाँ भी हैं । यहाँ विद्यार्थी को बेरोकटोक मनमानी करने की आजादी मिल जाती है । वह उन संस्कारों से वंचित हो जाता है जो उसे उसके माता-पिता दे सकते थे । छात्रावास में वह बुरी संगत में पड़ सकता है । बीमारी तथा अन्य असुविधाजनक स्थितियों में उसे बहुत कठिनाई होती है । इस प्रकार छात्रावास जीवन का असर विद्यार्थियों पर मिला-जुला होता है।