सिलाई मशीन
Sewing Machine
(कपड़ा सिलने के लिए सर्वोत्तम)
फ्रांस के एक दर्जी बर्थलेमी थिमोनियर ने पहले-पहल एक सीधी-सादी मशीन बनाई थी, जो एक बार में एक धागे से सिलाई करती थी। यह मशीन हाथ की सिलाई से ज्यादा तेजी से काम करती थी। इस कारण आस-पास के दर्जी घबरा गए और उन्हें लगा कि कारोबार ठप पड़ जाएगा। अतः उन दर्जियों ने थिमोनियर की फैक्टरी पर हमला किया और वहां रखी बनी-अधबनी मशीनें तोड़-फोड़ डालीं। उन्होंने थिमोनियर को भी मार-मारकर अधमरा कर डाला।
सदियों से लोग हाथ से सिलाई करते आ रहे थे। हाथ से सिलाई बहुत धीरे-धीरे हो पाती थी। यह सिलाई उतनी मजबूत भी नहीं हो पाती थी।
उधर अमेरिका में इलियास, हावे बोस्टन की एक मशीन शॉप में काम करता था। सन् 1839 में उसने अपनी फैक्टरी के मालिक को दूसरे कर्मचारी के साथ बात करते हुए सुना कि अगर कपड़ा सिलने की मशीन तैयार की जाए तो किस्मत बदल जाएगी।
हावे उस समय बमुश्किल सप्ताह में 2-3 डॉलर ही कमा पाता था। । उसे लगा कि वह यह काम कर सकता है। उसने अपनी पत्नी को हाथ से सिलते हुए ध्यान से देखने की योजना बनाई, पर यह सम्भव नहीं हुआ। अब उसने नए तरीके की डिजाइन तैयार की, पर वह मशीन भी काम नहीं कर पाई।।
एक दिन वह अपनी पड़ी ठीक कर रहा था। उसने देखा कि घड़ी के कई पुजें एक साथ काम करते है।। अब उसे अपनी समस्या का हल मिल गया था। नई मशीन में उसकी दोनों सुइयां एक समय में एक साथ चलती थीं। एक ऊपरनीचे चलती थी और दूसरी सीधी चलती थी। इससे दोनों का लूप बन जाता था। हाये की मशीन में सुई में छेद सामने होता था और हाथ से सिलने वाली मशीन में पीछे।।
सात साल के संघर्ष के पश्चात् हावे की मशीने आसानी से चलाने लायक हो गई। यह मशीन प्रति मिनट 250 टांके लगा लेती थी, जबकि हाथ से सिलने में इतने ही समय में 30 टांके लग पाते थे। पर यह मशीन महंगी साबित हुई। इसकी कीमत 300 डॉलर रखी गई थी।
अमेरिकी निर्माताओं ने इसका निर्माण अधिकार लेने से इनकार कर दिया। वह उसे बेचने इंग्लैंड तक गया और दो साल बाद लौटा तब तक वह काफी गरीब हो चुका था। जब वह लौटकर आया तो उसने पाया कि उसकी मशीन की नकल दुकानों में 100 डॉलर में मिल रही थी।
हुआ यों कि जब हावे इंग्लैंड में था तब सिंगर नामक व्यक्ति ने उस मशीन को देखा और उसमें कई सुधार करके उसे प्रभावी बना दिया। उसने उसे पैर से चलाने लायक भी बना दिया और मशीन चलाने वाले के हाथ खाली हो गए। सिंगर की मशीन धड़ाधड़ बिकने लगी। उधर हावे को अदालत की शरण लेनी पड़ी। अंततः न्यायाधीश ने उसे मूल आविष्कारक माना और हर मशीन पर रॉयल्टी तय कर दी। जिंदगी भर गरीबी झेलने वाले हावे को अब प्रति सप्ताह 4,000 डॉलर रॉयल्टी के रूप में मिलने लगे; पर हावे की किस्मत में खुशी ज्यादा दिन की नहीं रही उसकी पत्नी उसके गरीबी के दिनों में चल बसी।
सिलाई मशीन ने दुनिया का नक्शा ही बदल दिया। अमेरिकी गृहयुद्ध में सैनिकों की वर्दियां धड़ाधड़ सिली गईं। युद्ध के बाद सिले-सिलाए वस्त्रों का व्यापार तेजी से चल निकला। सिंगर खुद बहुत अमीर हो गया और इंग्लैंड में संगमरमर का महलनुमा मकान बनवाया।