History of “Meal”, “भोजन”, Paragraph in Hindi for Class 9, Class 10 and Class 12.

भोजन

Meal

Meal History

Meal History

 

(मनुष्य की भूख शान्ति के लिए)

एक बार एक थके हुए शिकारी के हाथों से मरा हुआ मृग गलती से आग में गिर गया। आग से वापस उसे निकालना कठिन था। थोड़ी देर बाद जब आग ठंडी हुई तो भूखे शिकारी ने वही भुना हुआ मांस खाया। वह उसे ज्यादा स्वादिष्ट लगा। अगले दिन उसने सवेरे फिर उस मांस को चखा तो उसे लगा कि यह खराब नहीं हुआ है। अब वह मांस को आग में भूनकर खाने लगा। एक ओर फलों, सब्जियों आदि को डिब्बाबंद करके सुरक्षित बेचने और लंबे समय तक रखकर बेचने की परम्परा प्रारम्भ हुई  और उससे मनुष्य को देश-विदेश के खाद्य पदार्थ समय-असमय खाने को मिलने लगे, वहीं खाना पकाने के लिए भी नए-नए उपकरण बाजार में आने लगे।

सृष्टि के पहले ही दिन भोजन की आवश्यकता महसूस हुई, जब मनुष्य को भूख लगी थी। पहले उसने आस-पास के फल खाए और बाद में पशुओं को मारकर खाया पर भूख का यह स्थायी हल नहीं था। फल हर समय व हर स्थान पर उपलब्ध नहीं होते थे। पशु का कच्चा मांस तो जल्दी खराब हो जाता था।

अब मनुष्य ने भोजन को खराब होने से बचाने के लिए और उपाय ढुंढे। खाद्य पदार्थों को सुखाकर, पकाकर, नमक मिलाकर रखने से वह ज्यादा समय तक टिके रहने लगे।

जब अनाज का उत्पादन प्रारम्भ हुआ तो उसमें भी तरह-तरह के प्रयोग हुए तरह-तरह की फसलें उगाई जाने लगीं। पहले साधारण उपकरणों, जैसे-हल, हंसिया, फावड़े आदि का प्रयोग होता था। बाद में मशीनों का प्रयोग होने लगा। मशीनों का प्रयोग इंग्लैंड में प्रारम्भ हुआ और अमेरिका में खूब जोर पकड़ने लगा।

सन् 1881 में अमेरिका के सायरस हॉल मैकार्मिक ने फसल काटनेवाली  मशीन का आविष्कार कर डाला। इससे बड़े-बड़े भूभागों में गेहूं की खेती का काम प्रारम्भ हो गया। बाद में ट्रैक्टर व अन्य मशीनों का चलन बढ़ता गया और बड़े पैमाने पर सस्ता अन्न उत्पादन होन लगा।

धीरे-धीरे और प्रयोग हुए। फसलों की ऐसी किस्में उगाई जाने लगीं, जिनमें उत्पादन ज्यादा होता था और बीमारियां कम। भारत में बौनी किस्म का गेहूं उगाने के साथ ही हरित क्रांति का सूत्रपात हुआ।

जब मनुष्य को पता चला कि उच्च दबाव पर भोजन शीघ्र पकता है। और उसके पोषक तत्व बरकरार रहते हैं तो फ्रांस के डेनिस पेपिन ने पहले-पहले प्रेशर कुकर का निर्माण किया। उसने हड्डियों को उबालकर उनका सूप बनाया। प्रेशर कुकर लोकप्रिय साबित हुआ।

इसी श्रृंखला में; बाद में माइक्रोवेव ओवन भी आ गया। आज तो  प्राचीन पद्धति से खाना सिर्फ दूर-दराज के गांवों में ही बनाया जाता है।

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