अलार्म घड़ी
Alarm Clock
(व्यक्ति को जगाने के लिए विचित्र तरीका)
लियोनादों द विंची ने अलार्म घड़ी की कल्पना की। उसके अनुसार, जब पानी फनैल से होकर रिसीवर में जाएगा तो सन्तुलन बिगड़ जाएगा तथा पानी पहले रिसीवर में आएगा और सो रहे व्यक्ति के पैरों पर जा गिरेगा। इससे वह व्यक्ति जाग जाएगा। हालांकि यह सोए हुए को जगाने का बड़ा भद्दा तरीका था, लेकिन यह लोगों को पसन्द आ गया। लियानादों के बाद इससे बेहतर तरीका तैयार करने के प्रयास किए गए। ई-जेड अलार्म घड़ी सन् 1880 में तैयार की गई, जो कमरे की छत पर लटकी रहती थी और निश्चित समय पर घड़ी का एक हिस्सा निकलकर बिस्तर पर गिर जाता था। कई बार यह मनुष्य के शरीर के नाजुक अंग पर भी गिर जाता था। अतः यह खतरनाक माना जाता था।फिर भी इसे पेटेंट करा लिया गया।
समय की गणना की आवश्यकता मनुष्य को प्रारम्भ से ही महसूस होती रहती है। इसके लिए तरह-तरह के उपाय प्रारम्भ से ही शुरू कर दिए उसने धूप घड़ी बनाई, जिसकी डंडी की छाया समय बता देती थी, पर बादल इसे निष्क्रिय कर देते थे।
इसके बाद ऐसी मोमबत्तियां बनाई गईं जो चिह्नित थीं। ज्यों-ज्यों उनका मोम पिघलकर नीचे गिरता था त्यों-त्यों समय का पता चलता था। मोम का निशान समय का लगभग अंदाजा दे देता था।
इसके बाद पानी और रेत को निश्चित गति से गिराया जाने लगा और उससे समय की गणना की जाने लगी। यह विधि काफी हद तक ठीक समय बता देती थी। इनके आधार पर चर्च और मसजिदों में घंटा बजाया जाता था।
सन् 1335 में इटली के मिलान नामक स्थान पर विस्कोंटी पैलेस की चैपल टावर पर यांत्रिक घड़ी लगाई गई। इसके साथ ही यांत्रिक घड़ियों का युग प्रारम्भ हो गया। बाद में गैलीलियों ने पेंडुलम का इस्तेमाल करके घड़ी बनाई। इस पेंडुलम की गेंद लगातार गतिशील रहती थी और इससे टिक-टिक की आवाज भी आती थी।
इस ई-जेड घड़ी के पेटेंट होने से एक सौ एक वर्ष पूर्व ही, अर्थात् सन् 1787 में लेवी हुचिंस ने एक घड़ी तैयार की। वह घड़ी काफी बड़े आकार की थी। उसकी लम्बाई 29 इंच और चौड़ाई 14 इंच थी। वह काम करती थी और निश्चित समय पर आवाज निकालकर अलार्म भी देती थी।
पर हुचिंस ने उसे पेटेंट कराने का प्रयास नहीं किया। वह उस घड़ी की सहायता से समय पर उठ अवश्य जाता था। उसके बाद अनेक लोगों ने इसमें सुधार किए। कुछ ने संगीत भी जोड़ दिया, अर्थात् निश्चित समय पर व्यक्ति को जगाने के लिए संगीत बजने लगता था।
ई-जेड घड़ी की तरह अनेक आविष्कारकों ने व्यक्ति को जगाने के विचित्र तरीके तैयार किए। एक आविष्कारक ने निश्चित समय पर सोए व्यक्ति को बिजली के झटके द्वारा जगाने का प्रयास किया। एक आविष्कारक ने इंतजाम किया कि निश्चित समय पर बिस्तर झटका खाने लगेगा। एक आविष्कारक ने तो ऐसा यंत्र बनाया कि निश्चित समय पर पलंग उलटा हो जाएगा।