Hindi Story, Essay on “Karya mein Sadev Imandari Rakhe”, “कार्य में सदैव ईमानदारी रखें” Hindi Moral Story, Nibandh for Class 7, 8, 9, 10 and 12 students

कार्य में सदैव ईमानदारी रखें

Karya mein Sadev Imandari Rakhe

एक दिन राजा सिंह को भेड़िए पर बहुत क्रोध आया। वह  उसे मारने के लिए अपनी तलवार लेकर दौड़ा। भेड़िया अपनी जान बचाकर भाग खड़ा हुआ। पीछे-पीछे राजा सिंह भी भेड़िए का पीछा करते हुए भागा आ रहा था। रास्ते में भेड़िए को भालू मिला। उसने भालू से निवेदन किया कि वह उसे कहीं। छुपाकर उसकी जान बचा ले। भालू मान गया तथा उसने उसे अपनी गुफा में। छुपा दिया। कुछ समय बाद राजा सिंह वहाँ पहुँचा तो उसने भालू से भेड़िए के बारे में पूछा। भालू ने मुँह से तो कह दिया कि उसने भेड़िए को नहीं देखा परन्तु हाथों से उस ओर संकेत भी कर दिया जहाँ भेड़िया छुपा हुआ था। राजा सिंह संकेत नहीं समझ पाया और आगे चला गया। कुछ समय बाद भेड़िया बाहर आया और जाने लगा। मुझे धन्यवाद तो देते जाओ।” भालू ने भेड़िये से कहा। भेड़िया बोला, “धन्यवाद किस बात के लिए दें। आपके शब्दों के लिए या फिर राजा सिंह को दिए गए आपके संकेत के लिए?” भेड़िए की बात सुनकर भालू बहुत शर्मिन्दा हुआ। उसे अपने दोगलेपन पर शर्म आ रही थी। अत: किसी भी कार्य को करते समय पूर्ण ईमानदारी बरतनी चाहिए।

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