घोड़ा और गधा
Ghoda aur Gadha
एक सैनिक के पास एक घोड़ा और एक गधा था। उसनेदोनों को बहुत ही अच्छे ढंग से रखा हुआ था। वह घोड़े को युद्ध के समय प्रयोग करता था तथा गधे को सामान लाने व ले जाने के लिए प्रयोग करता था। एक दिन सैनिक को सूचना मिली कि उसके देश के पड़ोसी देश से संबंध खराब हो गए हैं तथा जल्द ही उसके देश का पड़ोसी देश से भीषण युद्ध होने की संभावना है। इस युद्ध में उस सैनिक को भी शामिल होना था। सैनिक के घोड़े को भी इस भयंकर युद्ध की बात सुनकर चिन्ता सताने लगी। इसके विपरीत इस युद्ध की बात सुनकर सैनिक का गधा बहुत खुश हुआ, क्योंकि वो जानता था कि युद्ध आरम्भ होने पर मालिक की अनुपस्थिति में उसे किसी तरह का कोई काम नहीं करना पड़ेगा। यह सोचकर वह उस भयंकर युद्ध पर जाने वाले घोड़े का मजाक उड़ाने लगा।
कुछ दिनों बाद सैनिक को सूचना मिली कि दोनों देशों के बीच होने वाला सम्भावित युद्ध अब नहीं होगा। उसके देश के राजा ने शत्रु देश के राजा से समझौता कर लिया है। अब दोनों देश मित्र बनकर रहेंगे। यह सूचना सुनते ही घोड़ा खुशी से झूमने लगा तथा गधा दु:ख में डूब गया। अब गधे को पहले से भी ज्यादा काम करना पड़ रहा था। अत: कभी दूसरों को दुखी देख कर खुश नहीं होना चाहिए, पता नहीं कब पासा पलट जाए।